तेज रफ्तार कार पुल पर हवा में झूली, एजी आफिस पुल पर हुआ हादसा
ग्वालियर। स्पीड का नशा लोगों की मौत का सबब बन रहा है, आए दिन हो रहे हादसों से भी लोग सीख नहीं ले रहे। बीती रात स्पीड के नशे में डूबे युवाओं ने एजी आफिस पुल पर अपनी कार हवा बना दी। आई-20 कार बेकाबू होते हुये अनियंत्रित होकर रांग साइड पहुंची और पहले फुटपाथ पर चढ़ी और यहां पर भी कार रूकी नहीं, बल्कि पुल की रेलिंग तोड़कर हवा में झूलने लगी। डेढ़ घंटे तक कार हवा में लटकी रही और कार सवारों की जान हलक में अटकी रही। वहां से निकल रहे वाहन चालक तुरंत मदद के लिए पहुंचे और नीचे गिरने से कार को रोका। कार में सवार युवकों को बाहर निकाला और अपने वाहनों की मदद से कार को पीछे लिया। कार के एयरबैग खुलने से हादसा टल गया और कोई हताहत नहीं हुआ है। हादसे के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने पुल की रैंिलंग को बेरीकेट्स लगाकर सुरक्षित किया जिससे कोई हादसा न हो।
माधवनगर चौराहे की तरह से सोमवार मंगलवार की दरमियानी रात तेज रफ्तार आ रही आई-20 कार अनियंत्रित होकर एजी आफिस पुल के पास पहंची तभी चालक का स्पीड अधिक होने से कार से नियंत्रण हट गया और कार लहराई और फिर फुटपाथ पर टकराने के बाद रैलिंग तोड़ती हुई हवा में झूलने लगी। हादसे का पता चलते ही वहां से निकल रहे और आस-पास रहने वाले लोग एकत्रित हुए और हादसे का शिकार कार में घायल युवकों को कार से निकाला, क्योंकि कार पुल की रेलिंग पर हवा में झूल रही है। वहीं हादसे का पता चलते ही पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन कार सवार वहां से जा चुके थे।
कार की स्पीड का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि कार ने पहले करीब आधा फुट से बड़ा फुटपाथ क्रॉस किया और उसके बाद रेलिंग तोड़कर हवा में लटक गई। हादसे के पहले एयर बेलून खुल गए और कार में युवक गंभीर चोट आने से बच गए। अगर कार में एयर बेलून नहीं खुलते तो कार सवार गंभीर रूप से घायल होते। बताया गया है कि कार जिस स्थान पर हवा में लटकी थी उसकी सड़क से ऊंचाई करीब 35 से 40 फीट है और अगर कार नीचे गिरती तो ना तो कार बचती ना उसमें सवार युवक जिन्दा बचते।
इनका कहना
सूचना मिली थी कि एजी आफिस पुल पर कार का एक्सीडेंट हुआ है। घटना का पता चलते ही चेतकपुरी एफआरवी मौके पर पहुंची, जहां पर पता चला कि कार सवारों के साथी आ गए थे और कार को ले गए हैं। फिलहाल अभी इसकी शिकायत नहीं हुई है। हादसा हुई गाड़ी के बारे में पता चला है कि वह आई 20 कार थी।
रसीद खान, टीआई झांसी रोड