शाह का आज से तीन दिन का दौरा , बागियों को मनाने का प्रयास अमित शाह के दौरे से कार्यकर्ताओं को मिलेगी और अधिक उर्जा
शाह का आज से तीन दिन का दौरा , बागियों को मनाने का प्रयास अमित शाह के दौरे से कार्यकर्ताओं को मिलेगी और अधिक उर्जा

भोपाल। शह और मात का खेल केवल पार्टी के बाहर ही नहीं बल्कि भीतर भी चलता है। इसका ताजा उदाहरण इन दिनों देानो प्रमुख दलों में देखने को मिल रहा है। ऐसी ही स्थिति को थामकर चुनाव में पार्टी को जीत दिलाने की रणनीति पर काम करने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज से तीन दिन की प्रदेश दौरे पर आ रहे हैं। अभी एक दिन पहले ही पीएम मोदी चित्रकूट होकर गये हैं जिसे गैर राजनीतिक यात्रा बताया जा रहा है। हालांकि मोदी की यात्रा पूरी तरह प्रभावशाली ही थी जिसमें राजनीतिक मंशाओं को ठीक करने का प्रयास किया गया है। बता दें कि हालिया हालात यह है कि भाजपा ने मप्र की दो सीटों विदिशा-गुना को छोड़कर 228 सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। यह माना जा रहा है कि करीब 50 सीटों पर बीजेपी के उम्मीदवारों का विरोध हो रहा है।
मध्य प्रदेश में इन दिनों चल रही राजनीतिक गहमागहमी के बीच चुनाव की जमीनी समीक्षा करने के लिए तीन दिनों के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मध्यप्रदेश के दौरे पर हैं । अमित शाह तीन दिनों में अलग-अलग संभागों के भाजपा पदाधिकारियों की बैठक लेकर जमीनी हालात को समझेंगे।
नाथ को घेरने छिंदवाडा जायेगे शाह
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा की जुन्नारदेव विधानसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शनिवार को एक जनसभा को संबोधित करेंगे। माना जा रहा है कि शाह के दौरे से भाजपा कार्यकर्ताओं में जान आयेगी और वे प्रभावशाली ढंग से पूरी ताकत लगायेंगे। इसके बाद रविवार 29 अक्टूबर को उज्जैन में रोड शो करेंगे। उज्जैन में भी एक विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे।
बागियों से भाजपा परेशान
टिकिट वितरण के बाद उपजे हालात से भाजपा काफी परेशान है। हालांकि नाराजगी का अंदेशा पहले से ही था लेकिन इतना होगा यह अंदेशा नहीं था। इसे रोकने के प्रयास लगातार जारी हैं औरकेंद्रीय नेतृत्व भी इस बात को लेकरलगातार सक्रिय है। यही कारण है कि मोदी के प्रदेश में दौरे बढे हैं और शाह भी लगातार सक्रिय हैं।
कार्यकर्ताओं को शाह देंगे दिशा-निर्देश
भाजपा के घोषित उम्मीदवारों के विरोध के बावजूद पार्टी ने एक भी सीट पर प्रत्याशी नहीं बदला है। इसके उलट कांग्रेस सात सीटों पर प्रत्याशी बदल चुकी है। ऐसे में कई सीटों पर बीजेपी के दूसरे दावेदार पार्टी छोड़कर निर्दलीय और अन्य दलों से चुनाव लड़ने के लिए कदम बढ़ा चुके हैं। अमित शाह संभागीय बैठकों के दौरान नाराज नेताओं को मनाने और डैमेज कंट्रोल करने को लेकर भी पदाधिकारियों को सुझाव देंगे।