सियासत के बोल – कोई माई का लाल आरक्षण खत्म नहीं कर सकता – उमा भारती
सियासत के बोल - कोई माई का लाल आरक्षण खत्म नहीं कर सकता – उमा भारती
भोपाल। साल के आखिर में होने जा रहे चुनाव के चलते इन दिनों सियासत गरम है। कब कौन सी आवाज कहां से आ जाए कहना मुश्किल है। प्रसंग में बता दें कि विधानसभा चुनाव में फिर ‘माई का लाल’ की एंट्री हो गई है। इस बार पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने कहा है कि कोई माई का लाल आरक्षण खत्म नहीं कर सकता। 2018 के चुनाव में ‘माई का लाल’ का मुद्दा बीजेपी के लिए परेशानी का सबब बना था।ऐसे में सवाल यह है कि पूर्व सीएम उमा के यह बोल भाजपा को नुकशान पहुचंाएंगे या फायदा यह तो समय ही बतायेगा।
ज्ञात हो कि प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री भोपाल के रवीन्द्र भवन में आयोजित गौ-रक्षा सम्मेलन को संबोधित कर रही थीं। इस दौरान उन्होंने ‘नारी शक्ति वंदन’ अधिनियम में ओबीसी वर्ग की महिलाओं को आरक्षण ना मिलने पर अपनी ही पार्टी को घेरा। उन्होंने कहा कि ये बिल पारित भले हो गया हो, लेकिन ओबीसी महिलाओं को आरक्षण दिए बिना यह लागू नहीं हो पाएगा।
इसी मंच से पूर्व सीएम उमा भारती ने एक इंटरव्यू का किस्सा सुनाते हुए कहा – ‘या तो देश की व्यवस्था ही ऐसी हो जाए कि आरक्षण की स्थिति ना रहे। वो स्थिति तब आएगी जब एसटी, एससी खुद कहे कि हमें आरक्षण नहीं चाहिए। उससे पहले आरक्षण खत्म नहीं किया जा सकता। कोई माई का लाल आरक्षण की व्यवस्था को खत्म नहीं कर सकता। ये चलेगा। जब तक समाज में एक भी व्यक्ति अपने अधिकारों से वंचित रहेगा। तब तक आरक्षण को खत्म नहीं कर सकता। ये चलेगा। क्योंकि आरक्षण का मतलब है विषमतायुक्त समाज में समान अवसर का सिद्धांत लागू नहीं होता, विषमतायुक्त समाज में विशेष अवसर का सिद्धांत लागू होता है। ये आरक्षण का मतलब है। उमा ने कहा कि ये महिलाएं जब पार्लियामेंट में जाएंगी, विधानसभा में बैठेंगी। तो सरकारी व्यवस्था को चैलेंज करेंगी। जो व्यवस्था है वह गरीब फ्रेंडली नहीं है।
60% ओबीसी को इग्नोर नहीं कर सकते
साध्वी उमा भारती ने कहा- एससी एसटी को संवैधानिक व्यवस्था के तहत आरक्षण मिल जाएगा। सवर्ण लोगों को गरीबी के आधार पर नौकरियों में 10% आरक्षण मिल जाएगा, लेकिन ओबीसी महिलाओं को साथ लेकर उनका झुंड साथ लेकर मैं पार्लियामेंट के अंदर प्रवेश करना चाहती हूं। ये मेरी इच्छा है। सामाजिक समरता का मतलब आप 60% लोगों की ताकत को इग्नोर नहीं कर सकते। उनकी शक्ति टुकड़ों – टुकड़ों में बट गई हैं तो यह एकत्रित होकर मूर्ति बनेगी। इसकी प्राण प्रतिष्ठा होगी। यह वरदान देने के योग्य बनेगी।