यमन में 11 साल बाद मिलीं मां-बेटी, इस मामले में हुई है मौत की सजा

यमन में 11 साल बाद मिलीं मां-बेटी, इस मामले में हुई है मौत की सजा

यमन की जेल में निमिषा प्रिया और उनकी मां का ये भावुक करने वाला मिलन था। 11 वर्ष के लंबे इंतजार और प्रयास के बाद दोनों मां-बेटी की यह मुलाकात बुधवार को संभव हुई। यमन के एक नागरिक की हत्या के मामले में निमिषा को मौत की सजा हुई है और अब वह जेल में हैं। एक अंतरराष्ट्रीय संस्था निमिषा प्रिया की रिहाई के लिए प्रयास कर रही है।

बेटी से मिलने और उसके साथ कुछ घंटे गुजारने के बाद प्रेमा कुमारी ने वीडियो मैसेज में कहा है कि उन्हें विश्वास नहीं था कि वह अपनी बेटी से मिलने में सफल हो पाएंगी। उन्होंने बताया, निमिषा उन्हें देखते ही दौड़कर पास आई और मम्मी कहते हुए गले से लिपट गई। निमिषा ने कहा, वह रोएं नहीं, खुश रहें, सब कुछ अच्छा होगा। लेकिन हम दोनों के आंसू नहीं रुके। इसके बाद काफी देर तक हम लिपटकर रोते रहे।

प्रेमा कुमारी ने अपने मैसेज में बताया है कि जेल में सभी उम्र की महिलाएं हैं। निमिषा ज्यादातर महिला कैदियों से अच्छा मेलजोल है। वे सभी आईं और उन्होंने प्रेमा से आकर मुलाकात की और प्रेम भाव से उन्हें चूमा। प्रेमा कुमारी ने ईश्वर और यमन की सरकार का आभार जताया है कि उनकी बेटी निमिषा वहां पर स्वस्थ है और सुविधाजनक स्थितियों में है। एक अंतरराष्ट्रीय संस्था निमिषा प्रिया की रिहाई के लिए प्रयास कर रही है। उसी संस्था ने प्रेमा कुमारी के यमन जाने और वहां पर निमिषा से मुलाकात का इंतजाम किया था।

क्या है पूरा मामला?

केरल की मूल निवासी निमिषा 2013 से यमन के एक अस्पताल में नर्स थीं। वहां पर जुलाई 2017 में उन्हें तलाल आब्दो महदी नाम के व्यक्ति को दर्दनाशक इंजेक्शन देने का निर्देश दिया गया। इस इंजेक्शन की ज्यादा मात्रा शरीर में चले जाने से तलाल की मौत हो गई और उनके परिवार की शिकायत के बाद हुई जांच में निमिषा को हत्या का दोषी पाया गया।

निमिषा के मामले में यमन के सुप्रीम कोर्ट ने 13 नवंबर, 2023 को उसकी दया याचिका खारिज कर दी थी और ब्लड मनी चुकाने का विकल्प दिया था। प्रेमा कुमारी को दिसंबर 2023 में दिल्ली हाईकोर्ट ने यमन जाने और वहां पर निमिषा को बचाने के लिए पीड़ित परिवार से ब्लड मनी के संबंध में बात करने की अनुमति दी थी।

ब्लड मनी एक तरह से क्षतिपूर्ति की धनराशि होती है जो मारे गए व्यक्ति के परिवार को देकर दोषी व्यक्ति को दोषमुक्त कराती है। ज्यादातर मुस्लिम देशों में ब्लड मनी के बदले में रिहाई की व्यवस्था कायम है।

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