2026 में 300 अरब डॉलर की होगी इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग

2026 में 300 अरब डॉलर की होगी इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग

वर्ष 2026 तक भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन 300 अरब डॉलर तक पहुंच जाने का अनुमान है और तब सेमीकंडक्टर की जरूरत 90 से 100 अरब डॉलर की होगी। यह आने वाले वर्षों में भारत के लिए बड़ा अवसर है। देश में सेमीकंडक्टर उत्पादन होने से आयात पर निर्भरता कम होगी। चिप बनाने वाली कंपनियों को आकर्षित करने के लिए भारत को वैल्यू चेन विकसित करनी पड़ेगी।

भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग बढ़ने के साथ सेमीकंडक्टर की मांग भी बढ़ रही है। इसमें स्मार्टफोन का बड़ा योगदान है। वित्त वर्ष 2022-23 में देश में 16.5 अरब डॉलर के इंटीग्रेटेड सर्किट का आयात हुआ जिसमें से 12 अरब डॉलर का आयात सिर्फ मोबाइल फोन के लिए था। वर्ष 2023 में भारत में 103 अरब डॉलर की इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग हुई। अगर इसमें 25% से 30% सेमीकंडक्टर कम्पोनेंट माना जाए तो उनका हिस्सा 26 से 31 अरब डॉलर का था। वर्ष 2026 तक भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन 300 अरब डॉलर तक पहुंच जाने का अनुमान है और तब सेमीकंडक्टर की जरूरत 90 से 100 अरब डॉलर की होगी। यह आने वाले वर्षों में भारत के लिए बड़ा अवसर है। देश में सेमीकंडक्टर उत्पादन होने से आयात पर निर्भरता कम होगी। चिप बनाने वाली कंपनियां बेहद स्पेशलाइज्ड वैल्यू चेन पर निर्भर हैं। उन्हें आकर्षित करने के लिए भारत को यह वैल्यू चेन बनानी पड़ेगा।

इंडिया इलेक्ट्रॉनिक्स एंड सेल्यूलर एसोसिएशन (आईसीईए) ने भारत में सेमीकंडक्टर डिजाइन की मौजूदा स्थिति और इसकी क्षमताओं का विस्तृत आकलन किया है और बताया है कि आगे क्या करने की जरूरत है। गुरुवार को जारी रिपोर्ट में इसने ग्लोबल सेमीकंडक्टर मार्केट का अध्ययन करते हुए यह सिफारिश भी की है कि उनमें से किन बातों को भारत में अपनाया जा सकता है।

पिछले 5 से 7 वर्षों के दौरान भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग का परिदृश्य काफी बदला है। इसमें मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग का बड़ा योगदान है। बीते सात वर्षों के दौरान भारत की इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग में मोबाइल फोन का हिस्सा 10% से बढ़कर 44% हुआ है। वैसे भी दुनिया भर में स्मार्टफोन बिजनेस सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री का सबसे बड़ा ग्राहक है। स्मार्टफोन के बिल ऑफ़ मैटेरियल्स में 25 से 30 से प्रतिशत सेमीकंडक्टर ही होते हैं। इस हिसाब से देखा जाए तो वित्त वर्ष 2022-23 में भारत में स्मार्टफोन सेगमेंट में सेमीकंडक्टर की मांग 9 से 10 अरब डॉलर की थी। भारत में 2020-21 में 75 अरब डॉलर, 2021-22 में 87 अरब डॉलर और 2022-23 में 103 अरब डॉलर की इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग हुई।

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