मुरैना – त्रिकोणीय मुकाबले ने बढाई जीत के दावेदारों की चिंता क्षेत्र में भाजपा , कांग्रेस के अलावा बसपा है खासा प्रभाव
मुरैना – त्रिकोणीय मुकाबले ने बढाई जीत के दावेदारों की चिंता क्षेत्र में भाजपा , कांग्रेस के अलावा बसपा है खासा प्रभाव

भोपाल। मप्र का चंबल संभाग राजनीति के लिए सबसे अबूझ पहेली वालासंभाग है। यहां से कभी कांग्रेस को बढत मिलती है तो कभी भाजपा को। लेकिन इस बार राजनीति का पासा लगता है उल्टा पडने वाला है। एक तो यह संभाग दिग्गजों का गढ माना जाता है दूसरा दोनो प्रमुख दलों में अच्छी खासी नाराजगी देखने को मिल रही है। इसका दुष्परणिाम यह है कि नाराज दावेदार दूसरे दल का दामन थाम रहे हैं और ऐसे में जीत का दावा करने वाले दोनों दलों के उम्मीदवारों की चिंता दिन ब दिन बढ रही है। गौर करने वाली बात यह है कि चंबल संभाग ही ऐसा है जहां से सबसे ज्यादा नाराजगी की खबर सामने आयी है। ऐसे में भाजपा के लिए करो या मरो की स्थिति है तो कांग्रेस के लिए तो दिन रात पसीना बहाने का समय है। देखना यह दिलचस्प हो गा कि मतदाता आखिर किसे अपना जीत का सेहरा सौंपता है।
तोमर की चिंता तोमरों ने बढाई
केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी दिमनी से चुनाव मैदान में हैं। पार्टी में वरिष्ठ हैं दमदार चेहरों में शुमार हैं लेकिन कांग्रेस और अन्य दलों के उम्मीदवार भी तोमर हैं जिसके चलते नरेंद्र सिंह तोमर जीत काे लेकर चिंतित हैं। ऐसे में यह कहना मुश्किल है कि जीत का सेहरा किसे बंधेगा। दरअसल क्षेत्र के आंकडे बताते हैं कि वहांतोमरों का बडा बर्चस्व है। भाजपा की ओर से यह भी तय नहींहै कि तोमर को सीएम का चेहरा घोषित कियाजाये। ऐसे में तोमर को दिन रात एक करना पड रहा है।
रूस्तम की नाराजगी से भाजपा में परेशानी
शासकीय सेवा से रिटायर होने के बाद रूस्तम सिंह को भाजपा ने टिकिट देकर नवाजा था । वे जीतने के बाद मंत्री भी बने लेकिन बेटे को टिकिट नहीं मिलने से परिवार में नाराजगी है। बेटा बसपा में टिकिट पाने मे सफल हो गया तो श्री सिंह भी नाराजगी का बहाना बनाकर भाजपा से अलग हो गये। चकि क्षेत्रमें प्रभाव है ऐसे में यह देखना दिलचस्प हो गा कि आखिर जीतेगा कोैन । मंत्री रहते रूस्तम ने क्या विकास कराया यह तो जनता ही जानती होगी लेकिन अब रूस्तम सिंह भाजपा में नहीं है। क्षेत्र का विकास होगा या नहीं ये भगवान भरोसे है।
बसपा की अनदेखी पडेगी भारी
मुरैना की सीमा यूपी से लगी है । जातिगत आधार पर देखा जाये तो यहां सामान्य की कम लेकिन ओबीसी और एसटी एससी आदि के वोटर ज्यादा हैं। ऐसे में बसपा ने जीत का सपना देखना शुरू कर दिया है। समय की नजाकत को देखते हुए आम आदमी पार्टी भी भाग्य आजमा रही है। जो भी हो मुकाबला तो रोचक हो ही रहा है परणिाम भी रोचक ही आयेगा। जिसका जितना पलडा भारी होगा वो उतना ही वोट अधिक बटोरने में सफल हो जायेगा।
कांग्रेस का प्रयोग परणिाम देगा
भारी विरोध का सामना कर रही प्रदेश कांग्रेस ने मुरैना की सुमावली (मुरैना) में कुलदीप सिकरवार की जगह अब अजब सिंह कुशवाहा को पार्टी का उम्मीदवार बनाया है। कांग्रेस की चौथी सूची है और इस प्रकार प्रदेश की सभी 230 सीटों के उम्म्दीवारों के नाम सामने आ चुके हैं। अब इंतजार केवल मतदान का है देखा होगा कि दो दशक बाद कांग्रेस सत्ता में वापसी कर पाती है या नहीं ।