Lok Sabha Election 2024: इस क्षेत्र में 10 साल से जीत को तरस रही कांग्रेस

Lok Sabha Election 2024: इस क्षेत्र में 10 साल से जीत को तरस रही कांग्रेस

कई वर्षों तक देश की सत्ता पर काबिज रहने वाली कांग्रेस जिसके तमाम नेताओं की तूती बोलती थी वह पिछले 10 वर्षों से कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र में एक भी सीट नहीं जीत सकी है। उसके कई बड़े नेता नेपथ्य में चले गए हैं। कुछ बुजुर्ग हैं पर राजनीति में दो-दो हाथ कर अपनों की किस्मत लिख रहे हैं। पढ़ें कानपुर से खास रिपोर्ट।

लोकसभा चुनाव की दुंदुभि बजने के साथ ही सियासी रणबांकुरे महासमर में उतर चुके हैं। कांग्रेस को आईएनडीआई गठबंधन में शामिल होने के बाद कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र में केवल झांसी व कानपुर सीटें ही मिली हैं। बार-बार गठबंधन, पार्टी की कमजोर होती जड़ें… कभी राजनीति के पुरोधा व महायोद्धा रहे उसके कई नेताओं को चुनावी समर से बाहर कर चुकी हैं।

चुनाव प्रचार से रणनीति तक उनकी कोई मदद नहीं ले रहा है। इनमें सबसे प्रमुख व पहला नाम है 79 वर्षीय पूर्व केंद्रीय मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल का, जो कानपुर नगर निगम के मेयर रहे। फिर लोकसभा क्षेत्र से लगातार तीन बार सांसद चुने गए। इस दौरान उन्हें तत्कालीन केंद्र सरकार में कोयला मंत्री व गृह राज्यमंत्री का दायित्व भी मिला। 2014 व 2019 में वह लोकसभा का चुनाव लड़े पर हार मिली।

बुधवार को सियासी नब्ज टटोलने पोखरपुर स्थित उनके घर पहुंचने पर सन्नाटा मिला. अब कोई सियासी चहल-पहल नहीं है। यह वही घर है, जहां कभी अंदर से बाहर तक समर्थकों, कांग्रेस नेताओं व जनता की भीड़ रहती थी। दरवाजे से लेकर उन तक पहुंचने में कई बार सुरक्षा घेरे से गुजरना पड़ता था। पता चला कि वह अभी दिल्ली में हैं। बीमारी के कारण ज्यादातर दिल्ली में ही रहते हैं।

साल 2012 में कानपुर व अकबरपुर लोकसभा क्षेत्र के परिसीमन में उनकी अहम भूमिका रही, जिससे बीच शहर के तमाम इलाके अकबपुर सीट से जुड़ गए। धुर विरोधी पूर्व विधायक अजय कपूर से उनकी कतरब्योंत जगजाहिर रही। हालांकि, अजय अब भाजपा में हैं। वहीं, राजनीति के धुरंधर श्रीप्रकाश का कद अब नेपथ्य में है।

अन्य नेताओं का हाल
इसी तरह कभी चौबेपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए 72 वर्षीय नेक चंद्र पांडेय काकादेव के आरएसपुरम में रहकर राजनीति में सक्रिय हैं। इनका घर कल्याणपुर विधानसभा क्षेत्र में होने के नाते अकबरपुर लोकसभा सीट में है। वह कानपुर सीट पर प्रत्याशी के पक्ष में सक्रिय हैं। इसी तरह पुराने नेता लल्लन अवस्थी तिलक हाल में हर दिन बैठ रहे हैं।

प्रदेश महासचिव हर प्रकाश अग्निहोत्री कानपुर से लेकर बुंदेलखंड तक सक्रियता से जुटे हैं। पूर्व विधायक संजीव दरियाबाद भी अपने पिता की लालता प्रसाद दरियाबादी की विरासत संभाल कांग्रेस के लिए काम कर रहे हैं। ऐसे ही 80 वर्षीय पूर्व विधायक हाफिज मोहम्मद उमर सुतरखाना में कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन के पास रह रहे हैं।

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