इंडिया गठबंधन का प्रभाव इन चुनावों में शून्य के बराबर यह संकेत लोक सभा के लिए ठीक नहीं , टूट की आशंका है
इंडिया गठबंधन का प्रभाव इन चुनावों में शून्य के बराबर यह संकेत लोक सभा के लिए ठीक नहीं , टूट की आशंका है

भोपाल। जब कोई गठबंधन अपने संकल्पो से भटकने लगे तो समझ लेना चाहिए कि आने वाला समय ठीक नहीं है। कुछ ऐसा ही नजारा प्रदेश में होने जा रहे चुनावों में दिखाई दे रहा है। दरअसल केंद्र में मोदी सरकार को घेरने की नियत से बना इंडिया गठबंधन का प्रभाव आखिरकार विधान सभा चुनावों में क्यों नहीं दिख् रहा। जबकि होना यह चाहिए था कि इन चुनावों में ही ये गठबंधन के सहयोगी दल एकता का परिचय देते और फिर आगे का संदेश देते । लेकिन ऐसा होता दिख् नही रहा है। यह मामला दूरदृष्ठि रखने वालों की नजर में जरा चौंकाने वाला है। खैर । मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर विपक्षी गठबंधन इंडिया नाम का गठबंधन में तालमेल नहीं दिख रहा है। सीट शेयरिंग को लेकर पहले समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कांग्रेस पर नाराजगी जताई। कांग्रेस को धोखेबाज पार्टी तक कह दिया था। अब जनता दल यूनाइटेड ने अपनी पहली लिस्ट में पांच सीटों पर प्रत्याशी उतारकर कांग्रेस को झटका दिया है। इसमें से चार सीटों पर कांग्रेस के विधायक हैं। जानकार इसे मौजूदा गठबंधन में दरार का संकेत बताया जा रहा है।
सहयोगी दलों के राग अलग हैं
जनता दल यूनाइटेड ने जिन पांच उम्मीदवारों की घोषणा की है, उनमें शिवपुरी की पिछोर सीट से चंद्रपाल यादव, छतरपुर की राजनगर से रामकुंवर (रानी) रैकवार, कटनी की विजय राघवगढ़ सीट से शिव नारायण सोनी, झाबुआ की थांदला सीट से तोल सिंह भूरिया और पेटलावद से रामेश्वर सिंघार को उम्मीदवार बनाया है। वहीं सपा अब तक 45 सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर चुकी है।
गठबंधन 2024 लोकसभा चुनाव के लिए
मध्यप्रदेश में उम्मीदवार उतारने पर जद यू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा है कि मध्यप्रदेश इकाई ने स्थानीय संगठन के विस्तार के लिए चुनाव लड़ने का फैसला लिया है। इसके राजनीतिक निहितार्थ या बिहार के संदर्भ में इसे कोई देख रहा है तो मुगालते में है। 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए इंडिया गठबंधन बना है। नीतीश देश के पहले नेता हैं, जिन्होंने कहा है कि कांग्रेस के बिना विपक्षी एकता की बात नहीं की जा सकती।
‘सबको चुनाव लड़ने का अधिकार’- कांग्रेस
कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता रागिनी नायक ने कहा कि हर दल को अपना विस्तार करने और किसी भी राज्य में जाकर चुनाव लड़ने का अधिकार है। सपा या जेडीयू मध्यप्रदेश में चुनाव लड़ रही है तो इस पर कांग्रेस को कोई आपत्ति नहीं है। देश हित में बने गठबंधन पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा।