चुनाव में मिली पराजय के आठ दिन बाद फिर दिग्विजय ने ईवीएम पर फिर उठाए सवाल; श्री सिंह के अनुज लक्ष्‍मण सिंह ने किया है खारिज कहा सवाल बेतुके

चुनाव में मिली पराजय के आठ दिन बाद फिर दिग्विजय ने ईवीएम पर फिर उठाए सवाल; श्री सिंह के अनुज लक्ष्‍मण सिंह ने किया है खारिज कहा सवाल बेतुके

भोपाल। प्रदेश के चुनाव परिणाम को आठ दिन हो गये उसके बाद अचानक एक बार फिर मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने ईवीएम पर सवाल उठाए हैं। दिग्विजय ने इलेक्शन कमीशन को ट्वीट कर लिखा- ‘क्या इवीएम हैक हो सकता है? उन्होंने हैकर्स के एक वीडियो का यूट्यूब लिंक शेयर करते हुए लिखा कि इसे अवश्य सुनें और समझें। यदि 1% की भी संभावना है तो क्या हमें विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र को टेक्नोलॉजी के द्वारा हैकर्स को इसे प्रभावित करने का अवसर देना चाहिए? जरा सोचिए।’

श्री सिंह के सवाल पर भाजपा का कहना है कि यह बेतुकेसवाल हैं। जो जीत जाते हैं फिर सवाल नहीं खडा करते । आखिर कार उनके बेटे जयवर्धन भी तो इसी इवीएम के माध्‍यम से जीते हैं उनके बारे में क्‍या कहेंगे। हार के बाद अपनी कमियों को तलाशने के बजाय दिग्विजय सिंह का यह नया तरीका बडा ही अजीबोगरीब है। आखिर ऐसा क्‍यों हो रहा है इस बारे में श्री सिंह को चिंतन करने की जरूरत है। सबाल तो यह है कि बीते चुनाव 2018 में कांग्रेस की सीटें बढ गई थीं तो सिंह चुप क्‍यों थे। तब इवीएम पर सवाल नहींखडा किया। यह तो दोहरा रवैया है।

लक्ष्मण बोले- जो संत राजनीति से दूर वही सच्चा
दिग्विजय के भाई लक्ष्मण सिंह ने एक सोशल मीडिया पोस्ट से राजनीति में साधु-संतों के आने पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने लिखा- साधु-संतों का राजनीति में दखल और प्रवेश बढ़ता जा रहा है। नेता भी चुनाव जीतने के लिए इनका सहयोग लेते हैं। ऐसा क्यों हो रहा है? संभवतः प्रभु इन्हें संसद और विधानसभा में ही दिखते हैं। मंदिरों में नहीं। जो संत राजनीति और नेताओं से दूर है वही सच्चा है।

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