भूटान की जमीन हथियाने की फिराक में चीन

 

शंघाई। 2017 में भारत-चीन के बीच हुए डोकलाम विवाद के वक्त पश्चिमी भूटान के पास सिलिगुड़ी कॉरिडोर एक अहम रणनीतिक लोकेशन बनकर उभरा था। 5 साल बाद चीन अब भूटान के उत्तरी इलाकों पर नजर बनाए हुए है। सैटेलाइट तस्वीरों में खुलासा हुआ है कि चीन तेजी से भूटान के उत्तरी इलाकों के पास इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलप कर रहा है।

जाकरलुंग घाटी आने वाले समय में चीन के हाथों में जा सकती है। यह खुलासा ब्रिटेन के थिंक टैंक चैथम हाउस (रॉयल इंस्टीट्यूट ऑफ इंरनेशनल अफेयर्स) ने किया है। रिपोर्ट के मुताबिक भूटान बड़ी रियायत के तहत, जकारलुंग और पड़ोसी मेनचुमा घाटी दोनों में चीन की कब्जाई अपनी जमीन उसी को दे देगा। भूटान की बेयुल घाटी में चीन ने सड़कों का जाल बुना है। कई सैन्य चौकियां भी बनाई हैं। इस इलाके में ज्यादातर लोग तिब्बती बौद्ध धर्म को मानते हैं। चीन ने पहले भी भूटान के इलाकों में रोड बनाने की कोशिश की थी। हालांकि, ये ज्यादातर पश्चिमी भूटान में हो रहा था। 2017 में चीन ने दक्षिण-पश्चिम में डोकलाम में रोड बनाने की कोशिश की। यहां उनकी भारतीय सैनिकों से झड़प हुई।

रिपोर्ट के मुताबिक चीन की ताकत के आगे भूटान घुटने टेकता दिख रहा है। भूटान मामलों के जानकार तेंजिंग लामसांग का कहना है कि चीन की हरकतों पर भूटान अपनी पुरानी चुप रहने की स्ट्रैटजी पर कायम रखेगा। उनके मुताबिक भूटान दो बड़ी ताकतों (भारत-चीन) के बीच फंसा देश है।

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