पन्ना के रिहायशी क्षेत्र में बीते तीन दिनों से गांव में बाघिन ने जमाया था डेरा
भोपाल । बाघों के लिए विश्व प्रसिद्ध बांधवगढ टाइगर रिजर्व के गांव में तीन दिन पहले बाघिन के घुस गई थी। इससे गांव के लोगों में बीते तीन दिनों से दहशत का माहौल था। रिजर्व की टीम ने बाघिन का रेस्क्यू कर जंगल में छोड़ दिया। टीम ने पनपथा और पतौर परिक्षेत्र के बीच स्थित बकेली गांव के स्कूल के पास से शुक्रवार को बाघिन का रेस्क्यू कर रात में ही रिजर्व के दूसरे क्षेत्र के जंगल में छोड़ दिया।
तीन दिन से बाघिन ने गांव में जमाया डेरा
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के पनपथा बफर और पतौर कोर परिक्षेत्र के बीच में स्थित बकेली गांव में बुधवार को गांव में बाघिन घुस आई। इसको लेकर बांधवगढ टाइगर की टीम गांव पहुंची और बाघिन की निगरानी में जुट गई। लेकिन बाघिन गांव से जंगल और वापस गांव आ जा रही थी और झाड़ियों में छिप रही थी।
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व की टीम रात में झाड़ियों को भी साफ कराया। लेकिन बाघिन झाड़ियों को छोड़कर दूसरी झाड़ियों और खेतों में जाकर छिपने लगी। हाथियों से गश्त भी करवाई गई, लेकिन बाघिन ने गांव नहीं छोड़ा।
बाघिन का रेस्क्यू कर जंगल में छोड़ा
बांधवगढ टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने बाघिन को रेस्क्यू करने का निर्णय लिया। रेस्क्यू टीम गांव पहुंची। टीम में बांधवगढ टाइगर रिजर्व के सहायक संचालक एफएस निनामा, दिलीप मराठा, डॉक्टर नितीन गुप्ता और परिक्षेत्र अधिकारियों की टीम ने बाघिन का रेस्क्यू किया। बाघिन के स्वास्थ्य की जांच की। जांच के बाद स्वस्थ बाघिन को बांधवगढ टाइगर रिजर्व के दूसरे जंगलों क्षेत्र के जंगलों में शुक्रवार की रात को छोड़ दिया। बाघिन की उम्र लगभग तीन वर्ष बताई जा रही है।