उपभोक्ता अधिकार-16 बैंक उपभोक्ता एवं पेंशनर सावधान,ओटीपी न करें साझा- श्री राकेश शिवहरे

उपभोक्ता अधिकार-16 बैंक उपभोक्ता एवं पेंशनर सावधान,ओटीपी न करें साझा- श्री राकेश शिवहरे

मुरैना 27 सितम्बर 2023/भारत के अनेक प्रदेशों में आजकल साइबर अपराधियों ने विभिन्न प्रकार के तरीके अपना कर भोले-भाले लोगों को ठगने का कार्य किया जा रहा है। अनेक उपभोक्ता और पेंशनर्स जो नए नियम कानून नहीं समझ पा रहे हैं या जिन्हें इन अपराधियों के तथाकथित तरीकों की जानकारी नहीं है, वे लोग इनकी बातों में आकर उनके द्वारा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर एवं अपने गोपनीय बैंक कोड ,एटीएम, ओटीपी की जानकारियां इन लोगों को सरलता से प्रदान कर देते हैं। जिसके कारण हमारे उपभोक्ता एवं पेंशनर्स इनकी ठगी का शिकार हो रहे हैं।जीवन की गाड़ी कमाई, धनराशि खाते में जमा की है, उसे यह  ठग अपनी इस साइबर ठगी के तरीकों से हासिल कर लेते हैं और फिर उस राशि का वापस आना लगभग असंभव हो जाता है।

वरिष्ठ न्यायिक सदस्य श्री राकेश शिवहरे ने कहा कि वर्तमान में यह साइबर अपराधी अनेक तरीको जैसे लिंक भेजकर अथवा  बैंक अधिकारी बनाकर या पेंशन निदेशालय के अधिकारी वनकर आधार कार्ड या पेन कार्ड सही करने के नाम पर नकली लिंक भेजकर उपभोक्ता या पेंशनरों को अपना शिकार बना रहे हैं।यह साइबर अपराधी पेंशन धारकों को जीवन प्रमाण पत्र ऑनलाइन अपडेट करने के लिए कॉल कर रहे है, उनके पास पेंशन धारकों का पूरा डाटा जैसे नियुक्ति का दिनांक,सेवानिवृत्ति का दिनांक, पीपीओ नंबर, आधार कार्ड, स्थाई पता, ईमेल आईडी,सेवानिवृत्ति पर प्राप्त राशि मासिक पेंशन एवं नॉमिनी का नाम आदि की जानकारी वह तथाकथित रूप से हासिल कर लेते हैं  और वे इस पूरे डाटा के साथ कॉल करते हैं। ताकि पेंशन धारक को यह विश्वास दिलाया जा सके कि वह पेंशन निदेशालय से ही बोल रहे हैं। यह पेंशन धारकों का पूरा डाटा बताते हुए उनका जीवन प्रमाण पत्र अपडेट करने हेतु ओटीपी साझा करने के लिए कहते हैं। श्री शिवहरे ने बताया कि एक बार जब उपभोक्ता या पेंशन धारक फोन पर आए हुए ओटीपी को साझा कर देते हैं तो जालसाजों को पेंशन धारक के बैंक खाते का डायरेक्टर एक्सेस कंट्रोल मिल जाता है, उसके बाद वे पेंशन धारक के खाते में जमा समस्त राशि को तुरंत दूसरे तथाकथित बैंक खाते के वायलेट में स्थानांतरित कर देते हैं।

पेंशनर एवं अन्य उपभोक्ता सावधान रहे बैंक या पेंशनर निदेशालय द्वारा कभी भी किसी को इस प्रकार का कोई फोन अथवा सूचना अथवा जीवन प्रमाण पत्र ऑनलाइन अपडेट करने के लिए कोई कॉल नहीं किया जाता हैं। कोई यदि इस प्रकार का कॉल आपके पास आता है तो उसको अपनी कोई भी गोपनीय जानकारी अथवा ओटीपी साझा  नही करना है। सावधान रहें कि कोई भी गोपनीय कोड अथवा ओटीपी किसी भी व्यक्ति को ऑनलाइन न दें। इस तरह आने वाली फर्जी कॉल की शिकायत साइबर क्राइम पुलिस को कॉल नंबर सहित जरूर करें, ताकि कोई अन्य पेंशनर या उपभोक्ता उनके ठगी का शिकार ना हो सके। क्योंकि इस प्रकार ओटीपी देने वाले प्रकरणों में पुलिस, बैंक असहाय हो जाती है। इस प्रकार के मामले की शिकायतों में न्यायालय उपभोक्ता आयोग भी कोई सहायता नही दे पाता है।

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