Aditya L1: पहली बार कक्षा बदलेगा आदित्य एल-1, जानें कैसा रहेगा 4 महीने का सफर
नई दिल्ली
इसरो का सूर्य मिशन आदित्य एल-1 आज पहली बार अपनी कक्षा बदलने वाला है। इसके लिए 11 बजकर 45 मिनट पर अर्थ बाउंड फायरिंग की जाएगी। बता दें कि 2 सितंबर को पीएसएलवी सी57 के जरिए आदित्य एल-1 मिशन को लॉन्च किया था। 63 मिनट 19 सेकंड के बाद इसे पृथ्वी की 235 X 19500 किलोमीटर की कक्षा में छोड़ दिया गया था। 16 दिन पृथ्वी का चक्कर लगाने के बाद यह सूर्य की ओर रवाना होगा। चार महीने के सफर के बाद आदित्य एल-1 पृथ्वी से 15 लाख किलोमीटर दूर लैगरेंज पॉइंट- 1 तक पहुंचकर स्थापित हो जाएगा। इसी पॉइंट से वह सूर्य का अध्ययन करेगा।
इसरो ने जानकारी दी है कि आदित्य एल 1 ने अपने लिए ऊर्जा जनरेट करना शुरू कर दिया है। अब अर्थ बाउंड मैनुवर्स की मदद से थ्रस्टर में फायर किया जाएगा। इससे आदित्य एल- 1 पृथ्वी की दूसरी कक्षा में स्थापित हो जाएगा। 16 दिन तक यह पृथ्वी के ही चारों ओर चक्कर लगाएगा और इसके बाद उसका 110 दिनों का लंबा सफर शुरू हो जाएगा। लैग्रेंजियन – 1 पॉइंट पर पहुंचने के बाद आदित्यन एल-1 में फिर फायर किया जाएगा और फिर यह हेलो ऑर्बिट में स्थापित हो जाएगा।
16 दिन में पांच बार बदलेगा कक्षा
आदित्यन एल- 1 16 दिनों में पांच बार पृथ्वी की कक्षा बदलेगा। इसके बाद थ्रस्टर फायर किए जाएंगे और यह पॉइंट एल-1 की तरफ छलांग लगा देगा। बता दें कि एल-1 पॉइंट ऐसी जगह है जहां सूर्य और पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण बैलेंस हो जाता है और आसानी से किसी ऑब्जेक्ट को स्थापित किया जा सकता है। यहां से सूर्य ग्रहण का प्रभाव भी नहीं पड़ता है। ऐसे में आसानी से लगातार सूर्य पर नजर रखी जा सकती है। इसरो के मुताबिक 6 जनवरी 2024 को यह एल-1 पॉइंट पर पहुंच जाएगा।
आदित्य मिशन में लगे हैं 7 पेलोड
आदित्य- एल- 1 सात पेलोड्स के साथ सूर्य की ओर रवाना हुआ है। इसमें एक PPA यानी प्लाज्मा एनलाइजर पैकेज फॉर आदित्य लगा हुआ है जो कि सोलर विंड्स का अध्ययन करेगा। इसके अलावा VELC सूर्य की तस्वीरें भेजेगा। SUIT सूर्य की अल्ट्रावायलेट वेवलेंथ की फोटो लेगा, HEL10S की मदद से हाई एनर्जी एक्सरे की स्टडी होगी। ASPEX यानी आदित्य सोलर विंड पार्टिकल एक्सपेरिमेंड से अल्फा पार्टिकल्स की स्टडी की जाएगी और MAG के जरिए चुंबकीय क्षेत्र का अध्ययन किया जाएगा।