विजन—2030— प्रगतिशील, प्रासंगिक सुझावों से विभागीय कार्यक्रम ओर होंगे प्रभावी —शासन सचिव
विजन—2030— प्रगतिशील, प्रासंगिक सुझावों से विभागीय कार्यक्रम ओर होंगे प्रभावी —शासन सचिव
जयपुर, 8 सितम्बर। अल्पसंख्यक मामलात विभाग के शासन सचिव श्री कृष्ण कुणाल ने शुक्रवार को विजन—2030 के अंतर्गत राजस्थान को वर्ष 2030 तक अग्रणी राज्य बनाने के परिपेक्ष्य में अधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक ली।
शासन सचिव ने निर्देश दिए कि राजस्थान मिशन 2030 के अंतर्गत प्राप्त सुझावों को अधिकारी क्रियान्वित करने की रूपरेखा तैयार करें। जितने भी प्रगतिशील सुझाव प्राप्त हुए हैं व स्थानीय स्तर का कोई विषय प्रासंगिक है तो उसे भी जिला स्तर से आने वाले प्रस्ताव में शामिल किया जाए। साथ ही, उन्होंने अधिकारियों व कर्मचारियों को भी अपने सुझाव प्रस्तुत करने के निर्देश भी दिए।
उन्होंने कहा की राज्य के सभी अल्पसंख्यक समुदायों के लिए समान अवसर, समावेशी विकास और सामाजिक-आर्थिक विकास सुनिश्चित करने के मिशन के लिए विभाग संकल्पित है। विभाग अल्पसंख्यक समाज को सशक्त और उत्थान करने वाले कार्यक्रमों को समयबद्ध तरीके से क्रियान्वित कर रहा है।
बैठक में बजट घोषणाओं की प्रगति, जिलों में संचालित अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालयों के संचालन व छात्रवृत्ति संबंधित कार्यों की भी समीक्षा की गयी। बैठक में अल्पसंख्यक मामलात विभाग के निदेशक श्री जमील अहमद कुरैशी, अतिरिक्त निदेशक श्री मती मंजु, मदरसा बोर्ड सचिव श्री मुक्करम शाह, आर.एम.एफ. डीसी के प्रबंध निदेशक श्री भँवर लाल सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत के विजन-2030 के अंतर्गत राजस्थान को 2030 तक अग्रणी राज्य बनाने के लक्ष्य के क्रम में अल्पसंख्यक मामलात विभाग ने 29 अगस्त से 5 सितम्बर तक प्रदेशभर में जिला एवं राज्य स्तर पर हितधारकों के साथ चर्चाएं आयोजित की। जिसमें मदरसा शिक्षा, छात्रवृत्ति, आवासीय विद्यालय, आर्थिक विकास व ऋण, कौशल विकास एवं महिला एवं बाल विकास से जुड़े सुझाव प्राप्त हुए हैं। इन सुझावों को संकलित कर विजन डॉक्यूमेंट तैयार किया जाएगा।