विधानसभा चुनाव 2023 : 22 दिन में 400 करोड़ रुपये की अवैध नकदी और सामग्री जब्त

जयपुर। उड़न दस्ते, एसएसटी या पुलिस प्राधिकारियों द्वारा जब्त की गई नकद राशि को रिलीज करवाने के लिए जिला स्तरीय अपीलीय समिति के समक्ष आवेदन किया जा सकता है। यह समिति संबंधित अपीलार्थी के वैध दस्तावेज का अवलोकन कर जब्त की गई नकद राशि को रिलीज करने के आदेश जारी कर सकती है। विभिन्न एनफोर्समेंट एजेंसियों द्वारा विधानसभा आम चुनाव-2023 के लिए आचार संहिता लागू होने के बाद से अब तक प्रदेश में 400 करोड़ रुपए मूल्य की जब्ती की गई है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने मंगलवार को बताया कि गत विधानसभा चुनाव के मुकाबले अब तक 565 प्रतिशत अधिक मूल्य की अवैध नकदी, अवैध शराब, बहुमूल्य धातुओं और अन्य सामग्री जब्त की गई है। जब्ती के मामले में जयपुर जिला 65 करोड़ 19 लाख रुपए के साथ पहले स्थान पर है। अलवर जिले में 21 करोड़ 14 लाख रुपए, उदयपुर जिले में 18 करोड़ 52 लाख रुपए, जोधपुर जिले में 18 करोड़ 28 लाख रुपए और बीकानेर जिले में 18 करोड़ 4 लाख रुपए की जब्ती हो चुकी है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा पूर्व में दिए गए आदेश के अनुसार, चुनाव आचार संहिता के दौरान एफएसटी, एसएसटी अथवा पुलिस द्वारा अवैध नकदी सहित अवैध सामग्री के परिवहन पर की गई कार्रवाई के दौरान आम जनता तथा सही व्यक्तियों को असुविधा से बचाने के लिए स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं। इनके अनुसार किसी व्यक्ति की नकद राशि जब्त होने पर उनकी शिकायतों के निवारण के लिए जिला स्तर पर तीन अधिकारियों की समिति गठित की जाती है। उन्होंने बताया कि यदि जब्त की गई राशि के संबंध में कोई प्राथमिकी या शिकायत दर्ज नहीं की गई है या जब्त राशि किसी अभ्यर्थी या राजनीतिक दल या किसी निर्वाचन अभियान इत्यादि से जुड़ी हुई नहीं है, तो ऐसी नकदी रिलीज करने के बारे में समिति रिलीज आदेश जारी करने के लिए तत्काल कदम उठाएगी। उन्होंने बताया कि अपीलीय समिति में जिला परिषद सीईओ, जिला कोषागार अधिकारी और संयोजक के रूप जिला निर्वाचन कार्यालय में व्यय अनुवीक्षण के नोडल अधिकारी शामिल होंगे। विभिन्न निगरानी दलों द्वारा नकदी आदि की जब्ती के सभी मामले तत्काल इस अपीलीय समिति के ध्यान में लाए जाते हैं। आदेश के अनुसार, एफआईआर या शिकायत दर्ज नहीं होने की स्थिति में जब्त की गई नकदी अथवा बहुमूल्य वस्तुओं से संबंधित ऐसे मामले किसी भी परिस्थिति में मालखाना या कोषागार में मतदान की तारीख के पश्चात सात दिनों से अधिक समय के लिए लंबित नहीं रखे जाएंगे। यह रिटर्निंग अधिकारी का उत्तरदायित्व है कि ऐसे सभी मामलों को अपीलीय समिति के समक्ष प्रस्तुत करें और अपीलीय समिति के आदेशानुसार नकदी एवं बहुमूल्य वस्तुओं को रिलीज करें। यदि रिलीज की गई नकदी दस लाख रु. से अधिक है, तो रिलीज किए जाने से पहले आयकर के नोडल अधिकारी को सूचित किया जाएगा। गुप्ता ने बताया कि आदर्श आचार संहिता की पालना सुनिश्चित करने हेतु प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा सघन जांच कार्य किया जा रहा है। ऐसे में लोग चुनाव अवधि में 50 हजार रूपये से अधिक नकद राशि लेकर परिवहन करने से बचें। बहुत जरूरी होने पर नकद राशि के संबंध में सम्पूर्ण दस्तावेज यथा बैंक स्टेटमेंट, नकद प्राप्ति का स्रोत एवं राशि के व्यय का प्रयोजन इत्यादि के संबंध में साक्ष्य दस्तावेज साथ में रखें ताकि जांच के दौरान निगरानी दल के समक्ष वांछित दस्तावेज प्रस्तुत कर परेशानी से बचा जा सके।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button