वन्यप्राणी सप्ताह: वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस और उत्तर प्रदेश वन विभाग ने कला प्रतियोगिता का किया आयोजन

वन्यप्राणी सप्ताह: वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस और उत्तर प्रदेश वन विभाग ने कला प्रतियोगिता का किया आयोजन

आगरा। राष्ट्रीय वन्यप्राणी सप्ताह के अवसर पर, वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस ने उत्तर प्रदेश वन विभाग के साथ मिल कर सात अलग-अलग विद्यालयों के बच्चों में जागरूकता फैलाने के लिए कला प्रतियोगिता का आयोजन किया। यह कार्यक्रम ‘आर्ट फॉर वाइल्डलाइफ कंज़रवेशन’ विषय पर आधारित था, जिसे मथुरा में वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस के हाथी संरक्षण और देखभाल केंद्र में आयोजित किया गया। राष्ट्रीय वन्यप्राणी सप्ताह मनाने के लिए, वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस ने मथुरा में एन.जी.ओ के हाथी संरक्षण और देखभाल केंद्र में उत्तर प्रदेश वन विभाग के साथ मिल कर सात विद्यालयों के बच्चों के बीच कला प्रतियोगिता का आयोजन किया। यह प्रतियोगिता मनुष्यों के साथ रहने वाले जंगली जानवरों के प्रति जिम्मेदारी और सम्मान की भावना पैदा करने के लिए आयोजित की गई। प्रतियोगिता का विषय ‘आर्ट फॉर वाइल्डलाइफ कंज़रवेशन’ रहा, जिसमे मथुरा वन प्रभाग के प्रभागीय वन अधिकारी रजनीकांत मित्तल मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। कार्यक्रम में सात स्कूलों के छात्रों ने भाग लिया, जिसमें बलदेव पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल, कान्हा माखन पब्लिक स्कूल, जी.डी. पब्लिक स्कूल, सूरज गोविंद पब्लिक स्कूल, माउंट हिल एकेडमी, बलूनी 5 डेज बोर्डिंग और गवर्नमेंट गर्ल्स इंटर कॉलेज के छात्र शामिल हुए। प्रतियोगिता के समापन के बाद कुल तीन विजेताओं का चयन किया गया, जिन्हें मुख्य अतिथि से पुरस्कार मिला। बल्देव पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल की प्रिया सिकरवार विजेता रहीं, जबकि सूरज गोविंद पब्लिक स्कूल, कीठम की अनुष्का वर्मा और गवर्नमेंट गर्ल्स इंटर कॉलेज, फरह की अंजलि सिंह को क्रमशः दूसरा और तीसरा पुरस्कार मिला। वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस के सह-संस्थापक और सी.ई.ओ, कार्तिक सत्यनारायण ने कहा, हमारे हाथी संरक्षण और देखभाल केंद्र में स्कूली छात्रों की मेजबानी करना हमारे लिए काफी उत्साहजनक रहा। ऐसी प्रतियोगिताएं छोटी उम्र से ही बच्चों में वन्यजीव संरक्षण की शिक्षा विकसित करने का महत्वपूर्ण तरीका है, ताकि भविष्य में वे प्रकृति के संरक्षक बन सकें। मथुरा के प्रभागीय वन अधिकारी, रजनीकांत मित्तल ने कहा, राष्ट्रीय वन्यप्राणी सप्ताह के अवसर पर वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस के साथ मिल कर वन्यजीव संरक्षण की दिशा में काम करने के लिए यह साझेदारी अत्यंत महत्पूर्ण साबित होगी। ऐसी कला प्रतियोगिताएं वन्यजीव संरक्षण की दिशा में एक मजबूत कदम है, जो कि लोगों की सोच और व्यवहार को बदलने के लिए प्रेरित करती है।वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस में डायरेक्टर कंज़रवेशन प्रोजेक्ट्स, बैजूराज एम.वी. ने कहा, छोटे बच्चों में वन्यजीवों के प्रति शिक्षा प्रदान कराने का यह एक अनोखा और नायाब तरीका है। कला, चाहे छवियों, रेखाचित्रों या चित्रों के रूप में हो, जंगली जानवरों के प्रति सम्मान की गहरी भावना को दर्शाता है।

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