राजनीतिक पार्टियों के सामने युवा बेरोजगारों के विभिन्न मुद्दों को रखा जाएगा – उपेन यादव
जयपुर। राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष उपेन यादव ने कहा है कि विधानसभा चुनाव के दौरान युवा बेरोजगारों का मुद्दा सभी राजनीतिक दलों के सामने रखा जाएगा। जो भी पार्टी युवा बेरोजगारों का साथ देगी, युवा बेरोजगार भी उसका साथ देंगें। इस बार चुनाव में जीत की चाबी युवा बेरोजगारों के पास रहेगी। यादव ने यहां मीडिया कर्मियों से बातचीत में कहा कि प्रदेश में 30 से 40 लाख शिक्षित युवा बेरोजगार हैं। इनकी 25 नवंबर को होने वाले चुनावो में बड़ी भूमिका होगी। एक युवा बेरोजगार से करीब पांच सदस्य जुड़े हुए हैं और ऐसे में दो से ढाई करोड़ मतदाताओं की भूमिका इन चुनावों में महत्वपूर्ण रहेगी। एक सवाल के जवाब में उपेन ने कहा कि पिछले 11 साल 8 महीने से उन्होंने युवा बेरोजगारों के भविष्य के लिए दोनों सरकारों में संघर्ष किया है। संघर्ष के बाद यही निष्कर्ष निकला है कि सरकारों में युवाओं की भागीदारी होनी चाहिए। जिससे युवा बेरोजगारों की आवाज सीधी सरकार तक पहुंच सके। उन्होंने युवा बेरोजगारों से संवाद करने के बाद निर्णय लिया है। वे खुद भी युवा बेरोजगारों का प्रतिनिधित्व करना चाहते हैं। फिलहाल 2 अक्टूबर से युवा बेरोजगार संवाद कार्यक्रम चल रहा है। युवा बेरोजगार संवाद कार्यक्रम के बाद निर्णय लेंगे कि किस पार्टी को समर्थन देना है और किसको क्यों नहीं? सभी पार्टियों की कार्यशैली और युवा बेरोजगारों के हित में कार्य योजना को देखते हुए अंतिम निर्णय लेंगे की कौन सी पार्टी युवा बेरोजगारों के हित में रहेगी।
उपेन यादव ने कहा कि दिसंबर 2018 में कांग्रेस सरकार बनने के बाद 7 जनवरी 2019 से युवा बेरोजगारों के भविष्य के लिए संघर्ष शुरू किया था और 9 अक्टूबर 2023 को आचार संहिता लगने तक संघर्ष जारी रहा और पिछली सरकार में भी लगातार 5 साल संघर्ष जारी रहा था। वर्ष 2013 में भारतीय जनता पार्टी को युवा बेरोजगारों ने समर्थन दिया। सत्ता में भारतीय जनता पार्टी आई और 2018 में कांग्रेस को युवा बेरोजगारों में समर्थन दिया तो कांग्रेस सत्ता में आई थी। इस बार भी युवा बेरोजगारों का चुनावो में बड़ा महत्वपूर्ण रोल रहेगा।
उन्होंने कहाकि आचार संहिता से लगने के कारण नियुक्ति से वंचित रहे सभी चयनित अभ्यर्थियों की चुनाव आयोग से परमिशन लेकर तत्काल नियुक्ति करवाने के लिए सभी नेता प्रयास करें। लंबित एवं प्रक्रियाधीन भर्तियों की नियुक्तियां सरकार बनते ही प्राथमिकता के साथ करवाई जाएं। पंचायती राज जेईएन, संस्कृत शिक्षा विभाग अध्यापक भर्ती सहित अन्य नियम संशोधन सरकार बनते ही तत्काल करके विभिन्न भर्तियों की विज्ञप्तिया जारी की जाए।
रीट पात्रता परीक्षा की विज्ञप्ति जारी की जाए।
सरकार बनते ही शिक्षा विभाग, बिजली विभाग, रोडवेज विभाग, गृह विभाग, पंचायतीराज विभाग, चिकित्सा विभाग में नई भर्तियों की विज्ञप्तियां जारी की जाएं।
पेपर लीक के रोकथाम के लिए मजबूत कदम उठाए जाएं और भविष्य में कोई भी पेपर लीक नहीं हो। जिन विभागो में नई भर्तियों की वित्तीय स्वीकृति मिल चुकी है और जिन भर्तियों की अभ्यर्थना कर्मचारी चयन बोर्ड आरपीएससी व अन्य भर्ती एजेंसी के पास पहुंच चुकी है उनकी तत्काल विज्ञप्ति जारी करके परीक्षा तिथि का कैलेंडर जारी किया जाए। जिन भर्ती परीक्षाओं का कैलेंडर जारी हो चुका है उन भर्तियों की समय पर परीक्षा आयोजित करवाई जाए।