यूनिवर्सिटी ऑफ इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट, जयपुर में अंग्रेजी भाषा अध्ययन में प्रगति पर दूसरे अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन

 

 

चौंमू। यूनिवर्सिटी ऑफ इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट, जयपुर ने 3 से 4 नवंबर, 2023 को अंग्रेजी भाषा अध्ययन में प्रगति पर दो दिवसीय दूसरे अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन  का आयोजन किया। सम्मेलन में दुनिया भर से मुख्य वक्ता शामिल हुए जिन्होंने डिजिटल प्रौद्योगिकी के साथ अंग्रेजी भाषा शिक्षा की पुनर्कल्पना  विषय पर अपनी बहुमूल्य अंतर्दृष्टि और दृष्टिकोण साझा किए। प्रो. डेविड डी. पेरोइडिन (यूएसए), प्रो. (डॉ.) दर्शन समरवीरा (श्रीलंका), प्रो. (डॉ.) लक्ष्मण गनावली (नेपाल), प्रो. (डॉ.) राजुल भार्गव (भारत), प्रतिष्ठित प्रोफेसर (डॉ.) जेडएन पाटिल (भारत), प्रो. (डॉ.) मसूद ए मलिक और प्रो. (डॉ.) शालिनी यादव और भारत के विभिन्न हिस्सों से अन्य प्रतिष्ठित विद्वानों ने सम्मिलित होकर सम्मेलन के उद्घाटन सत्र की शोभा बढ़ाई।  उद्घाटन भाषण के दौरान, यूईएम जयपुर के प्रो-वाइस चांसलर प्रो. (डॉ.) सत्यजीत चक्रवर्ती ने इस बात पर जोर दिया कि जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए अंग्रेजी एक आवश्यक भाषा है और अंग्रेजी को बढ़ावा देने के साथ साथ स्थानीय और क्षेत्रीय भाषाओं पर भी समान रूप से ध्यान देने की वकालत की। अंतरराष्ट्रीय बातचीत में अंग्रेजी की महत्ता समझाते हुए यूईएम, जयपुर के प्रो-वाइस चांसलर प्रोफेसर (डॉ.) सत्यजीत चक्रवर्ती ने छात्रों की रोजगार संभावनाओं को बढ़ाने के लिए अंग्रेजी भाषा के अध्ययन में प्रगति को समझने के महत्व पर जोर दिया। यूईएम जयपुर के कुलपति प्रो. (डॉ.) विश्वजॉय चटर्जी ने सम्मेलन की विशिष्टता पर जोर दिया, जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग जैसी नवीनतम तकनीकों के संदर्भ में अंग्रेजी भाषा के अध्ययन की उन्नति पर केंद्रित रहा। उन्होंने कहा कि अंग्रेजी को महज एक संचार उपकरण से अधिक देखा जाना चाहिए, विभिन्न क्षेत्रों में इसके अनुप्रयोग पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए। प्रो. (डॉ.) विश्वजॉय चटर्जी ने 150 से अधिक प्रतिभागियों के साथ कई उदाहरण और अंतर्दृष्टि साझा कीं, जिनमें भौतिक और आभासी दोनों प्रकार के उपस्थित लोग शामिल थे। इस अवसर पर प्रो. (डॉ.) विश्वजॉय चटर्जी, कुलपति, यूईएम जयपुर, प्रो. (डॉ.) प्रदीप कुमार शर्मा, रजिस्ट्रार, यूईएम जयपुर, और प्रो. (डॉ.) अनिरुद्ध मुखर्जी, डीन-एकेडमिक्स, यूईएम जयपुर ने सम्मेलन में आए गणमान्य व्यक्तियों को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका हार्दिक स्वागत किया।  इस प्रतिष्ठित सम्मेलन में दुनिया भर से 300 से अधिक शोध लेखों के साथ बड़ी संख्या में प्रस्तुतियाँ प्राप्त हुईं। एक कठोर चयन प्रक्रिया के कारण 70 से अधिक पेपर स्वीकार किए गए। इन चयनित कार्यों को दो दिवसीय सम्मेलन के दौरान अंग्रेजी भाषा के क्षेत्र में सम्मानित प्रोफेसरों के सामने प्रस्तुत किया गया। पेपर प्रस्तुतकर्ता भारत, नेपाल, बांग्लादेश और श्रीलंका से थे। सम्मेलन के संयोजक, प्रोफेसर (डॉ.) मुकेश यादव ने बताया कि ढ्ढष्ट्रश्वरुस्-2023 सम्मेलन ने अपना उद्देश्य को सफलतापूर्वक अर्जित किया।  इस सम्मेलन ने दुनिया भर के विद्वानों, शिक्षाविदों और विशेषज्ञों को अपनी अंतर्दृष्टि, शोध निष्कर्ष साझा करने और संलग्न होने के लिए एक मूल्यवान मंच प्रदान किया। इसके अतिरिक्त, सम्मेलन ने ज्ञान के दीर्घकालिक आदान-प्रदान और शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया में सुधार के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकी के उपयोग की खोज को प्रोत्साहित किया। सम्मेलन का समापन सभी प्रतिभागियों को प्रमाणपत्रों की प्रस्तुति के साथ-साथ सर्वश्रेष्ठ पेपर की मान्यता के साथ हुआ।

जिसने उत्कृष्ट सामग्री और अनुसंधान-उन्मुख दृष्टिकोण का प्रदर्शन किया। प्रो. (डॉ.) स्नेहलता ढाका, प्रो. के.वी. कुरिओकोस, प्रो. दीप्ता मुखर्जी, प्रो. कृष्ण कुमार शर्मा, प्रो. शिवानी सैनी, प्रो. संचारी बसाक, प्रो. शिवम चौहान, प्रोफेसर अंकित शर्मा, प्रोफेसर आशुतोष कुमार झा, प्रो. कृष्णा कुमार शर्मा, विष्णु शर्मा, श्री सौरभ चक्रवर्ती, श्री सुकुमार चक्रवर्ती, श्री श्याम लाल, साथ ही श्री राजू, श्री श्रीराम और श्री जय सम्मेलन में उपस्थित विशिष्ट लोगों में से थे।

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