जूनोटिक बीमारी स्क्रब टायफस से बचने के लिये आवश्यक उपाय

जूनोटिक बीमारी स्क्रब टायफस से बचने के लिये आवश्यक उपाय

मुरैना 27 सितम्बर 2023/मुख्य खंड चिकित्सा अधिकारी सबलगढ़ डॉ. वीर सिंह खरे ने सभी लोगों से स्क्रब टायफस बीमारी के बारे में जागरूकता संदेश के रूप में अपील की है कि स्क्रब टायफस बीमारी के मरीज प्रत्येक जिले में दर्ज किया जा रहे हैं। यह एक जूनोटिक बीमारी है, इसके विषाणु जीवों के ऊपर रहने वाले घुन के संक्रमित लार्वा में पाए जाते हैं। स्क्रब टायफस बीमारी के प्रमुख लक्षण बुखार, सिरदर्द, जोड़ों एवं मांसपेशियों में दर्द, प्रकाश से असहनीयता, सूखी खांसी, एक सप्ताह उपरांत शरीर पर दाने, कुछ प्रकरणों में निमोनिया, मस्तिष्क ज्वर एवं हृदय संबंधित बीमारियां प्रकट होती हैं। शरीर के जिस पर संक्रमित लार्वा काटता है, उस हिस्से पर दाना उठता है, जो बाद में जख्म बनकर सूखने पर काला धब्बे के समान दिखाई देता है।

स्क्रब टायफस बीमारी से बचाव

डॉ. खरे ने बताया कि स्क्रब टायफस बीमारी से बचने के लिये संकमित धुन (माइट) से बचाव के लिये शरीर पर लगाने वाली क्रीम-रिपेलन्ट,बेंजाइल बेंजोएट, डाइमिथाइल फैथोएट, डाइथाइल-एम टोलुमाइड, डाइमिथाइल कार्बामेट, एथिल हेनेडिओल, का उपयोग करें। खेत, जंगल, झाड़ियों में जब भी जाये तो पूरे कपड़े पहनकर जाये तथा शरीर के खुले स्थान पर धुन के कांटने से बचाव के लिए किसी भी क्रीम का उपयोग किया जाये। घास-फूंस एवं झाड़ियों पर बैठे या सोये नहीं तथा घर के आस-पास की घास-फूस एवं झाड़ियों को काटकर जला दें। शरीर को साबुन से धोएं और मोटे कपड़े से रगड़कर साफ करें। शरीर पर सिगरेट के जले जैसे दिखने वाले चिन्ह सिरदर्द, शरीर दर्द, जोड़ों एवं मांस-पेशियों में दर्द, तेज बुखार एवं उल्टी-दस्त के लक्षण होने पर तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर चिकित्सक को दिखायें। जूनोटिक बीमारी स्क्रब टायफस एवं लेप्टोस्पाईरोसिस बीमारी चूहों द्वारा फैलती है। घर में किसी भी खाने पीने की वस्तु को खुला न छोड़ें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button