कृषक भाई किसी भी कीट/रोग व खरपतवार की समस्या के निवारण हेतु प्रभावित पौधों के निदान हेतु करें सुझाव प्राप्त।
कृषक भाई किसी भी कीट/रोग व खरपतवार की समस्या के निवारण हेतु प्रभावित पौधों के निदान हेतु करें सुझाव प्राप्त।
आगरा। जिला कृषि रक्षा अधिकारी ने कृषक भाइयों को अवगत कराया है कि कृषि मन्त्रालय भारत सरकार द्वारा कृषि उपज विपणन समिति (एम0पी0एफ0सी0) के तहत विभिन्न बाजारों से सब्जियों, फलों अनाज, दालों आदि खाद्य वस्तुओं के नमूने लेकर कीटनाशक अवशेषों की जांच कराई गयी, जाँच उपरान्त पाया गया है कि कुछ नमूनों में कीटनाशको के अवशेष अधिकतम कीटनाशी अवशेष सीमा (एम0आर0एल0) से अधिक पाये गये। जांचोपरान्त खाद्य वस्तुओं में (एम0आर0एल0) से अधिक पाये गये कीटनाशको का विवरण निम्न है। मिर्च में इमीडाक्लोपिड प्रोफेनोफास, टेवूकोनाजोल, थाईमैथाक्साम। गेंहूं में क्लोरोपायरीफास मैलाथियान। चना में प्रोफेनाफास, ट्राइजोफास, मैलाथियान। बैगन में टेवूकोनाजोल, एसीटामिप्रिड कदद्वर्गीय फसलों में थाईमैयाक्साम मेटालेक्सिल। टमाटर में एसीफेट तथा धान में थाईमैयाक्साम इमीडाक्लोपिड एजोक्सीस्ट्रोविन एसीटामिप्रिड ट्राईसाइक्लोजील कीटनाशक पाये गये। जिला कृषि रक्षा अधिकारी ने आगे यह भी अवगत कराया है कि कीटनाशकों के अवशेष के रूप में मानव स्वास्थ्य पर होने वाले कुप्रभाव को दृष्टिगत रखते कृषि विभाग द्वारा निम्न सस्तुतियाँ एंव सुझाव दिये गये हैं। फसल बुवाई से लेकर कटाई तक अपनायें गये समस्त कीट, रोग प्रबंधन उपायों की निगरानी करना। किसानों को संस्तुति मात्रा में ही कीटनाशकों का प्रयोग करना चाहियें। कीटनाशकों के सुरक्षित प्रयोग एवं आई0पी0एम0 विधाओं को क्रियान्वयन किया जायें। प्रतिबंधित कीटनाशकों का प्रयोग नही करना चाहियें। कृषकों द्वारा पंजीकृत खेतों का कीट, रोग प्रबंधन से सम्बंधित बुआई से लेकर कटाई तक समस्त उपायों का रिकार्ड रखना, कीटनाशकों के अवशेष के कुप्रभाव से घटित घटनाओं पर निगरानी रखना, किसानों को प्रमाणित बीज, लाईट/ टैप/फेरोमोन ट्रैप, ट्राइकोकार्ड, जैव कीटनाशकों का प्रयोग करना चहियें। कृषक, लाईसेंसधारी डीलरों से ही कीटनाशकों की खरीद करें तथा उनसे कैश मैमों अवश्य माँगें। कृषक भाई विभिन्न फसलों में कीटो एंव बीमारियों के बचाव हेतु एकीकृत नाशी जीव प्रबन्धन (आई0पी0एम0) को बढावा दे एंव कीटनाशको के कंटेनर/पैकिट के लेविल/लीफलेट पर मुद्रित निर्देशों के अनुसार ही प्रयोग करें। जिला कृषि रक्षा अधिकारी ने कृषक भाइयों से आग्रह किया है कि किसी भी कीट/रोग व खरपतवार की समस्या के निवारण हेतु व्हाटस एप नं0-9452247111 अथवा 9452257111 पर प्रभावित पौधों की फोटो सहित अपनी समस्या व पता लिखकर मैसेज भेजकर 48 घण्टे के अन्दर निदान हेतु सुझाव प्राप्त करें तथा निकटतम विकास खण्ड स्तर पर प्रभारी, राजकीय कृषि रक्षा इकाई अथवा जनपद स्तर पर अधोहस्ताक्षरी कार्यालय से सम्पर्क कर सकते हैं।