गैस पीडितों पर अब कब ध्यान देगी सरकार; संगठनों ने की सरकार से मांग
गैस पीडितों पर अब कब ध्यान देगी सरकार; संगठनों ने की सरकार से मांग
भोपाल। राजधानी भोपाल में यूनियन कार्बाइड गैस हादसे की 39 वीं बरसी से पहले संभावना ट्रस्ट ने बीते 23 महीने की रिपोर्ट पेश की। इसमें बताया कि 1 जनवरी 2022 से अब तक 22 पीड़ितों की मौत हुई है। इनमें से 14 यानी 64% की मौत हाई ब्लड प्रेशर (उच्च रक्तचाप) और बाकी की मौतें डायबिटिज (मधुमेह) की वजह से हुई। संभावना ट्रस्ट क्लिनिक के सदस्यों ने बताया, इन आंकड़ों के चलते अब गैस पीड़ितों की सेहत पर गंभीरता से ध्यान देना होगा। सरकार स्वास्थ्य को लेकर ज्यादा ध्यान दें।
क्लिनिक में योग चिकित्सक डॉ. श्वेता चतुर्वेदी ने बताया, 1 जनवरी 2022 से क्लिनिक में इलाज ले रहे 3832 गैस पीड़ितों में से 22 की मृत्यु हो गई। 8 मृतकों को उच्च रक्तचाप और मधुमेह दोनों थे। क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) सहित श्वसन संबंधी बीमारियां मृतकों में तीसरी सबसे आम बीमारी थीं।
बीमारी का तीन गुना ज्यादा आंकड़ा
क्लिनिक में पंजीकरण सहायक नितेश दुबे ने बताया कि क्लिनिक के आंकड़ों से पता चलता है कि क्लिनिक में पिछले दो साल में इलाज लेने वाले 6254 व्यक्तियों में से मधुमेह, कोरोनरी धमनी रोग, न्यूरोपैथी और गठिया की बीमारी गैर गैस पीड़ितों की अपेक्षा गैस पीड़ितों में तीन गुना ज्यादा है। गैर गैस पीड़ितों की अपेक्षा गैस पीड़ितों में उच्च रक्तचाप, एसिड पेप्टिक रोग, अस्थमा, सीओपीडी, सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस और चिंता की बीमारियां दोगुनी है।
1996 से चल रहा क्लिनिक
सदस्यों ने बताया कि ट्रस्ट क्लिनिक सितंबर 1996 से गंभीर रूप से प्रभावित आबादी के बीच चल रहा है। यहां अब तक 36 हजार 730 व्यक्तियों को दीर्घकालिक इलाज के लिए पंजीकृत किया गया है। क्लिनिक में इलाज का तरीका पंचकर्म सहित योग और आयुर्वेद के साथ आधुनिक चिकित्सा के एकीकरण पर आधारित है। इलाज के अलावा यह क्लिनिक सामुदायिक स्वास्थ्य कार्य भी करता है। औषधीय पौधे उगाता है और आयुर्वेदिक दवाओं का उत्पादन करता है।