उत्तरकाशी टनल : सेना की मदद से वर्टिकल ड्रिलिंग शुरू, मजदूरों को निकालने में लगेंगे ६-७ दिन!

उत्तरकाशी। उत्तरकाशी की सिल्क्यारा टनल में फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकालने के लिए शुक्रवार (24 नवंबर) से बंद पड़ा रेस्क्यू वर्क आज फिर शुरू हो गया है। मजदूरों तक पहुंचने के लिए अब पहाड़ की चोटी से वर्टिकल ड्रिलिंग की जा रही है। इसके लिए जरूरी मशीनरी रविवार दोपहर को ही पहाड़ की चोटी पर पहुंची थी।
वर्टिकल ड्रिलिंग के तहत पहाड़ में ऊपर से नीचे की तरफ बड़ा होल करके रास्ता बनाया जाएगा। हालांकि इसमें काफी खतरा है, क्योंकि खुदाई के दौरान बड़ी मात्रा में मलबा गिरने की आशंका है। ड्रिलिंग में कितना समय लगेगा, इस बारे में भी कुछ नहीं कहा गया है। आज टनल में फोन की लैंडलाइन भी डाली जाएगी। इससे मजदूर अपने परिवार से बात कर सकेंगे। टनल में फंसे मजदूरों तक पहुंचने में कामयाबी न मिलने के बाद प्लान बी के तहत वर्टिकल ड्रिलिंग की योजना बनाई गई थी। इस काम को सतलुज विद्युत निगम लिमिटेड अंजाम दे रहा है। इससे पहले बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन के जवानों ने पेड़ काटकर पहाड़ की चोटी तक भारी मशीनरी ले जाने का रास्ता तैयार किया था। टनल में फंसे मजदूरों तक पहुंचने के लिए अमेरिकन ऑगर मशीन के जरिए खुदाई करके रेस्क्यू पाइप डाले जा रहे थे। शुक्रवार को मजदूरों की लोकेशन से महज 10 मीटर पहले मशीन की ब्लेड्स टूट गई थीं। इस वजह से रेस्क्यू रोकना पड़ा था। इसके बाद मशीन के बजाय मैन्युअल ड्रिलिंग कराने का फैसला किया गया। मैन्युअल ड्रिलिंग के लिए सेना को बुलाया गया है।
मैन्युअल ड्रिलिंग से पहले ऑगर मशीन के फंसे हुए शाफ्ट और ब्लेड्स को निकालना होगा। एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर मशीन के टुकड़े सावधानी से नहीं निकाले गए तो इससे सुरंग में बिछाई गई पाइपलाइन टूट सकती है। इसके लिए हैदराबाद से प्लाज्मा कटर मंगाया गया है। दरअसल, 21 नवंबर से सिल्क्यारा की तरफ से टनल में हॉरिजॉन्टल ड्रिलिंग की जा रही थी। इसमें काफी हद कामयाबी मिली। 60 मीटर के हिस्से में से 47 मीटर तक ड्रिलिंग के जरिए पाइप डाला जा चुका है। मजदूरों तक करीब 10-12 मीटर की दूरी रह गई थी, लेकिन शुक्रवार शाम को ड्रिलिंग मशीन के सामने सरिए आ जाने से ड्रिलिंग मशीन की शाफ्ट उसमें फंस गई।
जब मशीन से और प्रेशर डाला गया तो शाफ्ट टूट गई। इसका कुछ हिस्सा तोड़कर निकाला गया, लेकिन बड़ा हिस्सा अभी भी वहां अटका हुआ है। इसे मैन्युअल ड्रिलिंग कर निकाला जाएगा, फिर आगे खुदाई की जाएगी। दरअसल, पाइप में एक ही व्यक्ति जा सकता है और खुदाई कर सकता है। इसलिए ऐसा करने में काफी वक्त लग सकता है।