उत्तरकाशी टनल : दो मजदूरों की तबीयत बिगड़ी, चट्टान बन रही मुसीबत

131 घंटे से फंसे हैं 40 मजदूर

उत्तरकाशी। उत्तराखंड के उत्तरकाशी टनल में शुक्रवार को 2 मजदूरों की तबीयत बिगड़ गई। निर्माणाधीन सिल्क्यारा टनल धंसने से 6 दिन (131 घंटे) से 40 मजदूर फंसे हैं। ड्रिलिंग के काम में लगी अमेरिकन हैवी ऑगर्स मशीन के रास्ते में चट्टान आने से दोपहर 12 बजे रेस्क्यू ऑपरेशन 2 घंटे तक बंद रहा। इसके बाद फिर से शुरू किया।

हालांकि, ड्रिलिंग में चट्टान मुसीबत बनी हुई है। चट्टान से रेस्क्यू की स्पीड धीमी हो गई। रेस्क्यू के लिए मशीन के सहारे जिस पाइप को डाला जा रहा है, वो बहुत धीरे-धीरे अंदर जा रहा है। शुक्रवार सुबह 12 बजे तक 30 मीटर तक ड्रिल कर लिया। मशीन को कुल 60-70 मीटर तक ड्रिलिंग करनी है। हादसा 12 नवंबर की सुबह 4 बजे हुआ था। टनल के एंट्री पॉइंट से 200 मीटर दूर मिट्टी धंसी। मजदूर अंदर फंस गए। मलबा 70 मीटर तक फैला गया। ये मजदूर बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के हैं।

नेशनल हाईवेज एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन के डायरेक्टर अंजू मनीष ने कहा, इंदौर से नई ड्रिलिंग मशीन एयरलिफ्ट की जा रही है। इससे रेस्क्यू को और तेजी मिलेगी। अमेरिकी ऑगर्स मशीन के जरिए 6 फीट लंबे पाइप मलबे में रास्ता बनाते हुए अंदर भेजे जा चुके हैं। रेस्क्यू में थाईलैंड, नार्वे, फिनलैंड समेत कई देशों के एक्सपर्ट से ऑनलाइन सलाह ली जा रही है।

पाइप से अंदर भेजी जा रही दवाइयां

टनल में फंसे 40 मजदूरों में जिन 2 की तबीयत खराब हुई है, उनमें एक को अस्थमा जबकि दूसरे को डायबिटीज है। खाना-पानी भेजने वाले पाइप से इनकी दवाई नियमित भेजी जा रही है। यही नहीं, सुबह और शाम इनकी बात इनके परिजनों और रेस्क्यू में लगे अफसरों से करवाई जा रही है।

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