छत्तीसगढ़-जशपुर में केंद्रीय मंत्री की पदयात्रा शुरू, जनजातीय गौरव दिवस समारोह में मनसुख मांडविया शामिल

जशपुर.

छत्तीसगढ़ के जशपुर में आज जनजातीय गौरव दिवस समारोह का आयोजन किया गया है. इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने अपनी विशेष पदयात्रा की शुरू कर दी है. इस कार्यक्रम की अध्यक्षता सीएम साय कर रहे हैं, जिसमें कई केबिनेट मंत्रियों के साथ-साथ 10,000 से अधिक ‘माई भारत यूथ वालंटियर्स’ भी शामिल हुए हैं.

इस कार्यक्रम में सांस्कृतिक प्रस्तुतियां, आदिवासी नायकों को श्रद्धांजलि और अनेक कार्यशालाओं का आयोजन भी किया गया है. बता दें, यह पदयात्रा बिरसा मुंडा की जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित की जा रही है, जो आदिवासी समुदायों की सांस्कृतिक धरोहर और उनके राष्ट्र निर्माण में योगदान को सम्मानित करने के लिए समर्पित है.

बिरसा मुंडा की विरासत का सम्मान
आज की पदयात्रा में 10,000 से अधिक ‘माई भारत यूथ वालंटियर्स’ शामिल हो रहे हैं, जो आदिवासी विरासत की रक्षा, समावेशिता को बढ़ावा देने और सरकारी योजनाओं के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए समर्पित हैं. यह यात्रा कोमड़ो गांव से शुरू होकर लगभग 7 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए रणजीत स्टेडियम में समाप्त होगी, जहां युवा, आदिवासी नेता और समुदाय के सदस्य एकजुट होंगे.

आदिवासी संस्कृति और विरासत का उत्सव
इस विशेष कार्यक्रम की शुरुआत आदिवासी नेताओं के योगदान पर आधारित सांस्कृतिक प्रदर्शनों और नृत्यों से होगी. कार्यक्रम की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘एक पेड़ माँ के नाम’ पहल के तहत वृक्षारोपण से होगी. इसके बाद, एक प्रदर्शनी में ऐतिहासिक आदिवासी आंदोलनों, आदिवासी नायकों को श्रद्धांजलि, और उनके कला व शिल्प कौशल का प्रदर्शन किया जाएगा.

कार्यशालाओं और प्रदर्शनियों के माध्यम से जागरूकता
पदयात्रा के मार्ग पर विभिन्न ठहराव स्थलों पर आदिवासी संस्कृति का उत्सव मनाया जाएगा. रंगोली, पेंटिंग और पारंपरिक आदिवासी कला का प्रदर्शन किया जाएगा, साथ ही कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी जहां लोग आदिवासी नृत्य, संगीत और साहित्य का अनुभव कर सकेंगे. आदिवासी खाद्य पदार्थों का चयन भी किया जाएगा, जिसे उनके स्वास्थ्य लाभों के बारे में बताया जाएगा.

मुख्य आकर्षण

0- सांस्कृतिक कार्यक्रम: आदिवासी नृत्य और संगीत का प्रदर्शन, स्वतंत्रता संग्राम में आदिवासी नेताओं के योगदान को दर्शाते हुए.
0- आदिवासी आंदोलनों पर प्रदर्शनी: आदिवासी नायकों और उनके आंदोलनों को श्रद्धांजलि.
0- जागरूकता कियोस्क: सरकारी योजनाओं और महिला लाभार्थियों के बारे में जानकारी.
0- आदिवासी भोजन: विभिन्न आदिवासी खाद्य पदार्थों का प्रदर्शनी के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा.

यह आयोजन न केवल आदिवासी समुदाय की धरोहर और संस्कृति को सम्मानित करने का अवसर है, बल्कि यह सरकारी कल्याणकारी योजनाओं में आदिवासी समुदायों की सक्रिय भागीदारी को बढ़ावा देने का भी प्रयास है. युवा कार्यक्रम विभाग ने पूरे देश के युवाओं को www.mybharat.gov.in पर माय भारत पोर्टल के माध्यम से इस पदयात्रा में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है. बता दें, संविधान के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में चल रहे इस उत्सव के तहत पूरे देश में पदयात्राओं का आयोजन किया जाएगा, ताकि भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विविधता को सभी के सामने लाया जा सके.

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