उमा भारती ने टवीट कर एक बार फिर अलापा ओबीसी आरक्षण का राग
उमा भारती ने टवीट कर एक बार फिर अलापा ओबीसी आरक्षण का राग
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भोपाल। प्रदेश भाजपा की चौथी लिस्ट जारी होने के लगभग हफ्ते भर बाद प्रदेश की पूर्व सीएम उमा भारती ने एक टवीटकरके नई बहस को जन्म दे दिया है। उमा जी के बयान से प्रदेश के सियासी हलकों में एक बार फिर हलचल मची हुई है। पूर्वसीएम साध्वी ने कहा है कि पार्टी दारा जारी इस सूची को लेकर उनके मन में आश्चर्य और प्रसन्नता का भाव है और इस बारे में उन्होने शीर्ष नेतृत्व को बता दिया है। लेकिन इसके बाद उमा ने अल्लामा इकबाल के शेर की एक पंक्ति उद्धृत करते हुए कुछ ऐसा कहा, जिसके कई मायने निकाले जा सकते हैं। वहीं एक बार फिर ओबीसी महिला रिजर्वेशन का मुद्दा भी उठाया है।
उमा भारती का ट्वीट
उमा भारती ने ट्वीट में लिखा है कि ‘हमने शायद जीतने की योग्यता को ही आधार मान लिया है। लेकिन हमें जीतने की लालसा एवं पराजय के भय से मुक्त होना चाहिए।’ अपने पांच बिंदुओं वाले ट्वीट में उन्होने लिखा है कि :
ट्वीट के सियासी मायने
उमा भारती के टवीट आने के बाद चर्चा में लोग यही पूछ रहे हैं कि उमा भारती के बयान का क्या मतलब निकलता है। बता दें कि ‘गुफ्तार का ये गाजी तो बना, किरदार का गाजी बन न सका’ इसके मायने है कि ‘वो बातों का नायक तो बन गया लेकिन किरदार में उसे उतार न सका’। हालांकि ये बात यहां समझ से परे हैं कि इस पंक्ति के जरिए उमा भारती किसपर निशाना साध रही हैं। वहीं एक बार फिर उन्होने पिछड़ा वर्ग की महिलाओं के आरक्षण की बात उठाते हुए कहा है कि आखरी लिस्ट आने के बाद ये भी देखा जाएगा कि उन्हें कितने टिकट दिए गए हैं। बहरहाल ये ट्वीट चर्चाओं में है और इसके अलग अलग अर्थ निकाले जा रहे हैं।