उज्जैन श्री महाकाल महालोक परिसर : देश के पहले प्रसादम का लोकार्पण 7 जनवरी को

उज्जैन श्री महाकाल महालोक परिसर : देश के पहले प्रसादम का लोकार्पण 7 जनवरी को

• केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मंडाविया करेंगे 218 करोड़ रुपये लागत की 187 स्वास्थ्य संस्थाओं का भूमिपूजन एवं लोकार्पण
• उज्जैन के इस भव्‍य कार्यक्रम में उपमुख्‍यमंत्री शुक्‍ल भी रहेंगे मौजूद

भोपाल। विश्व प्रसिद्ध तीर्थ उज्जैन के श्री महाकाल महालोक के नीलकंठ वन परिसर में देश के पहले प्रसादम का शुभारंभ 7 जनवरी को होने जा रहा है। मध्यप्रदेश के लिये यह बड़ी उपलब्धि है।यह प्रसादम् 1 करोड़ 75 लाख रुपये की लागत से फ़ूड एंड सेफ्टी स्टैण्डर्ड अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया के ‘क्लीन स्ट्रीट फूड हब’ कार्यक्रम के अंतर्गत उज्जैन स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा श्री महाकाल महालोक के नीलकंठ वन परिसर और अवंतिका हाट के बीच विकसित किया गया है। इसमें 17 दुकानों का निर्माण कर एक स्वच्छ स्ट्रीट फूड हब बनाया गया है। श्रद्धालुओं के लिये पार्किंग एवं अन्य सार्वजनिक सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी।

ज्ञातहो कि प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री मनसुख मांडविया इसका शुभारंभ करेंगे। वे 218 करोड़ 76 लाख रुपये लागत की स्वास्थ्य अधोसंरचनाओं का भूमिपूजन एवं लोकार्पण करेंगे।

संजीवनी क्लिनिक का होगा संचालन –
महाकाल लोक परिसर में श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य को ध्यान मे रखते हुए महाकाल लोक परिसर, नीलकंठ द्वार पर औसतन प्रतिदिन 1 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य को ध्यान मे रखते हुए मुख्यमंत्री संजीवनी क्लिनिक का संचालन किया जाएगा जिसमें आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाएं भी उपलब्ध रहेंगी। इस अवसर पर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री श्री राजेंद्र शुक्ल, राज्य मंत्री लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण नरेन्द्र शिवाजी पटेल खासतौर पर उपस्थित रहेंगे।

36 स्वास्थ्य संरचनाओं और 151 का होगा भूमिपूजन , लोकार्पण
इस अवसर पर 118 करोड़ लागत की 36 स्वास्थ्य संरचनाओं का भूमिपूजन और 100 करोड़ 69 लाख लागत की 151 स्वास्थ्य संरचनाओं का लोकार्पण किया जाएगा। इसके लिये 189 करोड़ 89 लाख रूपये केंद्र और 28 करोड़ 87 लाख रुपये राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराये गये हैं।

54 संजीवनी क्लीनिक, 66 आयुष्मान आरोग्य मंदिरों का लोकार्पण
शहरी स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ एवं नागरिकों के समीप पहुँचने के उद्देश्य से नवीन शहरी स्वास्थ्य संस्थाओं को 15 वें वित्त आयोग के तहत स्वीकृति प्रदान की गई थी। इस स्वीकृति के तहत 54 मुख्यमंत्री संजीवनी क्लिनिक का लोकार्पण किया जाएगा। इनमें प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं के साथ-साथ 67 प्रकार की जाँच सुविधाएं और 208 प्रकार की दवाइयाँ निःशुल्क उपलब्ध कराई जाएंगी। साथ ही 2 ब्लॉक पब्लिक हेल्थ यूनिट का लोकार्पण किया जाएगा जिससे व्यापक जांच सेवाएं उपलब्ध हो सकेंगी।

इंटीग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैब का लोकार्पण
प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन के अंतर्गत लागत 3 करोड़ 49 लाख रुपये की लागत से तीन इंटीग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैब (विदिशा, बैतूल एवं उज्जैन) का लोकार्पण किया जाएगा। नागरिकों को जिला अस्पताल में 132 प्रकार की जाँच सेवाएं एक ही स्थान पर उपलब्ध हो सकेंगी। इसी मिशन के अंतर्गत 6 बीआरएचयू भी लोकार्पित की जायेंगी। 13 जिलों मे (छतरपुर, झाबुआ, सिवनी, गुना, भोपाल, खंडवा, बड़वानी, दमोह, बालाघाट, टीकमगढ़, शिवपुरी एवं सिंगरौली) नवीन इंटग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लेबोरेटरी का भूमिपूजन किया जायेगा।

इमरजेंसी कोविड रेस्पोंस पैकेज-॥ के अंतर्गत 1 करोड़ 68 लाख रुपये लागत से सिविल अस्पताल बड़नगर, उज्जैन मे 20 बिस्तरीय अतिरिक्त वॉर्ड लोकार्पित किया जायेगा। राज्य मद से 28 करोड़ 87 लाख की लागत से तीन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और आठ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का लोकार्पण किया जा रहा है।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत राशि रु 148 करोड़ 45 लाख लागत से 97 कार्यों का भूमिपूजन/ लोकार्पण किया जायेगा। इसमें तीन जिला अस्पतालों, तीन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, 66 आयुष्मान आरोग्य मंदिरों एवं रीजनल ट्रैनिंग सेंटर में 40 सीटर हॉस्टल लोकार्पित किए जाएँगे। मिशन अंतर्गत 8 जिला अस्पताल, 1 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, 1 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, 2 उप स्वास्थ्य केंद्र, 4 मैटर्नल एवं चाइल्ड हेल्थ विंग, एवं 5 स्टाफ कॉर्टर कार्यों का भूमिपूजन भी किया जायेगा।

“मनहित” एप भी होगा लॉंच होगा
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन् मध्यप्रदेश की मानसिक स्वास्थ्य इकाई द्वारा विकसित आमजन को मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित मानसिक स्वास्थ्य स्क्रीनिंग ऐप “मनहित” लॉंच किया जाएगा। “मनहित” ऐप को मुख्यतः तीन खंडों में विभाजित किया गया है। मानसिक स्वास्थ्य स्व-मूल्यांकन, जागरूकता सामग्री/वीडियो और मानसिक स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ संपर्क। “मनहित” का उद्देश्य मानसिक स्वास्थ्य साक्षरता की समझ विकसित करना, अल्पकालिक और दीर्घकालिक मानसिक स्वास्थ्य लक्षणों का स्व-मूल्यांकन और मानसिक स्वास्थ्य लक्षणों और मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता के बारे में जागरूकता विकसित करना है।

Back to top button