अबकी बार झूम के हुआ मतदान , इसी का नतीजा रहा कि प्रदेश में हुआ 76.22 प्रतिशत मतदान; सियासी दल से लेकर आमजन तक की निगाहें अब तीन दिसंबर की मतगणना पर टिकीं
अबकी बार झूम के हुआ मतदान , इसी का नतीजा रहा कि प्रदेश में हुआ 76.22 प्रतिशत मतदान; सियासी दल से लेकर आमजन तक की निगाहें अब तीन दिसंबर की मतगणना पर टिकीं

भोपाल । यह बडा ही अदभुत रहा कि इस बार प्रदेश में जमकर मतदान हुआ है। इसके पीछे निर्वाचन आयोग का परिश्रम तो है ही इसके साथ ही लोगों में जागरूकता भी आयी है। इतना ही नहीं माना जा रहा है कि इस बार प्रदेश में 18 प्लस के मतदाता यानि कि युवा की एंट्री हुई है। संभवतया इसी के चलते जमकर मतदनान हुआ है।
परिवर्तन की बयार या विकास पर मुहर
इस बार के आकडों पर नजर डाले तो सियासी चर्चा है कि यह मतदान परिवर्तन की बयार है। कुछ लोग यह भी कह रहे हैं कि यह विकास पर लगाई गई मोहर है। संभावना यह भी जताई जा रही है कि प्रदेश में महिला सशक्तिकरण के लिए किये गये प्रयासों का परणिाम है कि बहनों ने गिफट किया है। ऐसे में माना जा रहा है कि प्रदेश सरकार के प्रयासों को बहनों ने आगे बढकर काम किया है। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि योजना का समय पर लांच होना वरदान साबित होगा। चुनाव आयोग के सूत्रों का कहना है कि मध्यप्रदेश विधानसभा निर्वाचन-2023 के लिये 17 नवम्बर को हुये मतदान में अनंतिम जानकारी अनुसार 76.22 प्रतिशत मतदान हुआ है।
दोनों प्रमुख दलों को अब रिजल्ट का इंतजार
प्रदेश में कांग्रेस और भाजपा को अब चुनाव परि णाम पर नजर टिक गई है। माना जा रहा है कि ये सियासी दल अब रिजल्ट आने के बाद ही सक्रिय होंगे। सबके अपने हिसाब हैं। इसलिए कुछ कहना मुश्किल है। कांग्रेस को सत्ता परिवर्तन का भरोसा है तो भाजपा को पक्का विश्वास है कि प्रदेश की जनता ने इस बार आगे बढकर विकास पर मुहर लगाई है।वैसे सामान्यतया देखा जाये तो दिसंबर माह की सात या आठ तारीख् को नई सरकार को प्रदेश की जनता को मिल जायेगी।