महाराजपुर विधानसभा सीट पर भाजपा और कांगे्रस के बीच होगाा सीधा मुकाबला सपा से कांग्रेस पार्टी को हो सकता है नुकसान

छतरपुर। महाराजपुर विधानसभा सीट पर रोचक मुकाबला दिखाई दे रहा है और इस विधानसभा सीट से कांग्रेस भाजपा के अलावा अन्य दलों के प्रत्याशी भी खड़े हुए हैं। परंतु मुख्य मुकाबला भाजपा के कामाख्या एवं कांग्रेस पार्टी के नीरज दीक्षित के बीच होना सुनिश्चित है। भारतीय जनता पार्टी ने जहां मानवेन्द्र सिंह के पुत्र कामाख्या सिंह को प्रत्याशी बनाया है वहीं कांग्रेस ने नीरज दीक्षित को दोबारा प्रत्याशी बनाकर चुनाव मैदान में उतारा है। कांग्रेस के दौलत तिवारी ने कांग्रेस पार्टी को छोडक़र सपा से चुनाव लडऩे का मन बनाया है और वह साईकिल चुनाव चिन्ह से मैदान में उतरे हुए हैं। कांग्रेस प्रत्याशी को सपा से जरूर कुछ नुकसान हो सकता है परंतु नीरज दीक्षित के सरल स्वभाव ओर मिलनसार होने के कारण आम जनता में छवि अच्छी है। वहीं दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी कामाख्या सिंह को भारतीय जनता पार्टी के ही कार्यकर्ता नहीं पहचानते हैं। हालांकि उनके पिता मानवेन्द्र सिंह पूर्व में विधायक रह चुके हैं और इस क्षेत्र के ठाकुर मतदाता का रुझान कामाख्या सिंह के पक्ष में है। क्षेत्र के दौरे के अनुसार आजादी के 70 साल होने के बाद भी मानवेन्द्र सिंह ओर उनके पुत्र में राजाशाही की बू देखने को मिलती है। जिससे लोग लोग उन्हें पसंद नहीं कर रहे हैं। आजाद भारत में अब कोई भी राजा रानी नहीं बचे हुए हैं। जो जनता की सेवा करेगा जनता उसे चुनेगी। फिलहाल महाराजपुर विधानसभा क्षेत्र में कई अन्य प्रत्याशियों के द्वारा भी वोट बटोरने का काम किया जा रहा है जिसमें समानता दल के महेश कुशवाहा के अलावा बहुजन समाज पार्टी और आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी खड़े हुए हैं परंतु जनता है वह सब जानती है कि प्रदेश में भाजपा या कांग्रेस की सरकार बनेगी। इन प्रत्याशियों को वोट देकर अपना वोट क्यों व्यर्थ करें इसलिए सीधा मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच है। नीरज दीक्षित की स्थिति काफी अच्छी बताई जा रही है। भारतीय जनता पार्टी को भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता ही भितरघात कर निपटाने में लगे हुए हैं।