भाजपा में है गहरे मनमुटाव – कमलनाथ

चुनावी दौर में सियासत का नया रूप
भोपाल। चुनावी समय में दलों में बयानों के तीर न चलें ऐसा हो नहीं सकता । यही कारण है कि मध्य प्रदेश में चुनाव से पहले बीजेपी-कांग्रेस का एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है। बीजेपी जहां 18 साल की उपलब्धियां गिना रही है वहीं कांग्रेस कुशासन का आरोप लगा रही है। राजनीतिक मंचों से वायदों और घोषणाओं की बौछार हो रही है और मिशन-23 की जीत के लिए दोनों ही प्रमुख दल कोई भी मौका चूकना नहीं चाहते। इसी क्रम में एक बार फिर कमलनाथ ने कहा है कि बीजेपी में मनमुटाव और अंदरुनी टकराव चल रहा है और वो मंच पर भी एक दिखाई नहीं दे रही।
‘मनमुटाव के मंच’
कमलनाथ ने ट्वीट करते हुए कहा कि “पराजय पराया बना देती है, अब ये बात भाजपा पर पूरी तरह लागू हो रही है। भाजपा के चुनावी मंच ‘मनमुटाव के मंच’ बनकर रह गये हैं। भाजपा नेताओं की खोखली बातें शब्दों की बुनी हुई बड़ी चादर हैं जिसे वो अपनी अंदरूनी टकराव के ऊपर डालकर, आपसी दरार को ढकने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन उनके भावहीन चेहरे सारी हक़ीक़त बयान कर दे रहे हैं। भाजपा के बुझे हुए मंत्री-सांसद, थके-हारे विधायक, विलुप्त से हो चुके पदाधिकारी व सदस्य नाउम्मीदगी के एक ऐसे दौर से गुज़र रहे हैं, जहाँ अब उन्हें आशा की कोई भी किरण नज़र नहीं आ रही है। भाजपाइयों के बीच सिर्फ़ उनका स्वार्थ ही सक्रिय दिख रहा है, बाक़ी नीति से लेकर रणनीति तक सब कुछ निष्क्रिय है। भाजपाई एक मंच पर होकर भी एक नहीं हैं। ‘प्रपंच के मंच’ सजाकर भाजपा यही नहीं आगामी सभी चुनाव भी हारेगी।”

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