चुनाव में मिली जीत से बढा कलचुरी समाज का मान; विजयी उम्‍मीदवारों ने कहा सेवा ही हमारा परम धर्म

चुनाव में मिली जीत से बढा कलचुरी समाज का मान; विजयी उम्‍मीदवारों ने कहा सेवा ही हमारा परम धर्म

भोपाल।कलचुरी समाज अपनी सांस्‍कृतिक विरासत , व्‍यवसाय और समाज सेवा के लिए शुरू से ही जाना पहचाना जाता है। समाज की सेवा करना तो इस समाज की खासियत है। वह केवल अपने समाज ही नहीं बल्कि आस पास के जरूरतमंद लोगों की भी सहायता करता है। कलचुरी समाज के बेटा बेटी युवाओं ने जिस भी क्षेत्र में कदम रखा है वहां अपना परचम लहराया है। समाज सेवा की इसी गु्ण को देखते हुए अभी विधान सभा चुनावों में समाज के अनेक ऐसे युवाओं को टिकिट दिया था जिसमें अधिकांश उम्‍मीदवारों ने विजयश्री दिलाई है। इससे समाज का मान तो बढा ही है सेवा पर आम आदमीका भरोसा भी बढा है। कलचुरी समाज के लोगों का कहना है कि विजय श्री दिलाने वाले युवाओं पर समाज को गौरव की अनुभूति हो रही है। बता दें कि इस साल संपन्‍न हुए वि धान सभा चुनावों में कुल पांच प्रत्‍याशियों को टिकिट मिला था जिसमें चार भाजपा के और एक कांग्रेस के प्रत्‍याशी ने जीत दर्जकराई है। यह जीत जितनी रोमांचक है उतनी ही प्रेरणादायी भी है।

आइए जानते हैं कौन कहां से खडा था –
बता दें कि मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के अंतिम परिणाम घोषित हो चुके हैं जिसमें भाजपा को अप्रत्याशित रूप से 164 सीटें जीत ली हैं। भाजपा ने इस चुनाव में कलचुरी समाज के पांच प्रत्याशियों को टिकट दिया था जिनमें से चार प्रत्‍याशियों ने शानदार जीत हासिल की है।

सुदेश राय सीहोर से –


राजधानी भोपाल से लगी हुई सीट सीहोर है जहां से सुदेश राय को पार्टी ने मौका दिया था जिस पर वे खरे उतरे । गौर करने वाली बात यह है कि वे लगातार तीसरी बार विधायक निर्वाचित हुए हैं। सुदेश राय ने कांग्रेस के शशांक सक्सेना को 37851 वोटों से हराया। उन्हें 105997 वोट मिले। बता दें कि 54 वर्षीय सुदेश राय 2013 में पहली बार विधायक बने थे। तब से वह इस सीट पर अजेय बने हुए हैं। वह सीहोर के प्रतिष्ठित राय परिवार से हैं। सुदेश राय के बड़े भाई श्री राकेश राय कांग्रेस के प्रतिष्ठित नेता हैं और राष्ट्रीय कलचुरी एकता महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं।

दिनेश राय मुनमुन सिवनी से –


दिनेश राय मुनमुन को भी पार्टी ने भरोसा किया और टिकिट दिया। दिनेश ने अपनी लगन और मेहनत के बलबुते विजय श्री हासिल की है। वे भी लगातार तीसरी बार विधायक निर्वाचित हुए हैं। इस प्रकार देखा जाये तो उन्‍होनें जीत की हैट्रिक लगाई है। उन्होंने कांग्रेस के आनंद पंजवानी को 18 हजार से अधिक वोटों से हराय। मुनमुन राय को 116795 वोट हासिल हुए, जबकि पंजवानी को 98377 वोट मिले। 56 वर्षीय दिनेश राय मुनमुन पहली बार 2013 में विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए थे औऱ तभी से अपराजेय बने हुए हैं।

संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल कटनी मुडवारा से –


संदीप जायसवाल ने भी जीत दर्ज कराकर अपने समाज का गौरव बढाया है। जिस प्रकार पार्टी ने उन पर भरोसा करके टिकिट दिया है उसी प्रकार उन्‍होनें जीत का उपहार भी पार्टी को सौंप दिया है। यह सब कुछ संभ्‍व हुआ है उनकी विनम्रता और लोगों से अपनत्‍व के कारण । बता दें कि संदीप ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के मिथलेश जैन एडवोकेट को 24903 से हरा दिया। उन्हें 89 हजार से ज्यादा वोट मिले हैं। 59 वर्षीय संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल दूसरी बार विधायक निर्वाचित हुए हैं। 2018 में वह इसी सीट से पहली बार चुनाव लड़े थे और विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए थे।

दिलीप जायसवाल, अनूपपुर कोतमा से –


गजब का साहस और जनसंपर्क है दिलीप का क्षेत्र में । सभी लोग उनके चाहने वाले हैं और लोग कह भी रहे हैं कि यह जीत उनकी स्‍वाभाविक जीत है। दिलीप ने कांग्रेस के सुनील सराफ को 22 हजार वोटों से हराया है । दिलीप जायसवाल 2008 में पहली बार भाजपा के टिकट पर विधायक चुने गए थे। वह दूसरी बार विधायक निर्वाचित हुए हैं।यह उनकी मिलनसारिता का परणिाम है कि जनता उन्‍हें सदैव अपने परिवार का ही मानतीहै। यही कारण है कि वे क्षेत्र में सभी के प्रिय और दुलारे हैं।

हरिबाबू राय , अशोक नगर कांग्रेस से जीते


लहर चाहे भले ही भाजपा की रही हो लेकिन अपने परिश्रम और सेवा के दम पर हरिबाबू राय ने अशोक नगर में अपना परचम फहराया है। उन्‍होंने 8373 मतों से अपने निकटतम प्रतिदंदी को पराजित किया है। आस पास के लोग कह रहे हैं कि यह हरिबाबू की अपनी मेहनत की जीत है। इस मामले में जब राय से पूछा गया तो वे बोले जनता का प्‍यार ही मेरी पूंजी है और मैं इस पूंजी को हमेशा बनाकर रखूंगा। सेवा ही वास्‍तव में परम धर्म है। सेवा सच्‍चे मन से की जाये तो भगवान फल जरूर देते हैं। वे अपनी विधानसभा को अपना परिवार मानकर ही सेवा करते हैं।

समाज का नजरिया –
चुनावी जीत हार की चिंता से परे कलचुरी समाज के लोगों का कहना है कि सेवा को जीत हार से नहीं देखना चाहिए। बस एक बात यह है कि सेवा में भरोसा करना चाहिए। सेवा होगी तो परणिाम आते ही आते हैं। कलचुरी समाज सेवा से कभी पीछे नहीं हटता।

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