40 वर्षो के परिश्रम से गोपाल भार्गव नाम बनता है -अभिषेक भार्गव

रहली – विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी मंत्री गोपाल भार्गव के पक्ष में मंत्री पुत्र अभिषेक भार्गव ने रहली विधानसभा के ग्राम लुहागर,विजयपुरा,निवारी,जूना,बरखेड़ा, बगरोन,पिपरिया नरसिंह में जनसंपर्क किया। रहली विधानसभा के नुक्कड़ सभा को संबोधित करते हुए अभिषेक भार्गव ने कहा 40 वर्षो के परिश्रम से गोपाल भार्गव नाम बनता है प्रदेश की 230 सीटो में एक मात्र गोपाल भार्गव के जो एक ही सीट से 40 वर्षो तक जीत हासिल कर रहे है। दो हजार उमा भारती जी के बाद बाबूलाल गौर जी मुख्यमंत्री बनाया गया था गौर जी को केवल इसलिए मुख्यमंत्री बनाया गया था की वह 9 वार चुनाव जीत चुके थे 9 वार चुनाव जीतने वाले अपने आप मुख्यमंत्री का दावेदार हो जाता है। और सरकार किसी की रहे लेकिन चलेगी गोपाल भार्गव 15 माह की सरकार में एक कांग्रेसी सीएमओ का ट्रांसफर कराने कमलनाथ के पास गए थे तो उन्होंने कह दिया था वह गोपाल भार्गव का क्षेत्र वहा हम कुछ नहीं कर सकते है। इस चुनाव में लोग,भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता विधायक, मंत्री बनाने के लिए नहीं लड़ रहे बल्कि मुख्यमंत्री बनाने के लिए लड़ रहे है आप विधायक नहीं मंत्री नही मुख्यमंत्री को चुनना है और क्षेत्र का विकास कराना है। प्रचार के दौरान अभिषेक भार्गव ने बरेदी नृत्य किया। इस मौके पर पूर्व जनपद अध्यक्ष संजय दुबे,भरत चौरसिया,नीलेश भार्गव, सरपंच लल्लू जारोलिया, प्रियेश पटेरिया,अमित उपाध्याय,विक्की भारद्वाज,युवराज सिंह,विनीत पटेरिया,अमन राय,अमित ठाकुर मौजूद रहे ।।

फोटो प्रचार के दौरान ग्रामीणों के साथ बुंदेली नृत्य करते भार्गव

घर बैठकर हो रहा गोपाल का चुनावी प्रचार
गांव गांव से समर्थ में गण्नायक पहुंच रहे लोग
रहली। किसी नेता की लोक प्रियता का आकलन करना हो तो चुनावी समय में किया जाता है यह वो समय होता है जब नेता जनता की परीक्षा में बैठता है और मतदान से उसका आनेवाला भविष्य तय होता है,चुनावी समय में विधायक,मंत्री,मुख्यमंत्री बड़े से बड़े पद वाले नेता को जनता के द्वार पर जाना पड़ता है,लेकिन मध्यप्रदेश में एक ऐसा नेता भी है जो आम दिनों में तो हमेशा जनता के बीच रहता है पर चुनावी समय में भर घर बैठ जाता है,और लगातार जनता का प्यार,स्नेह और समर्थन से वह हर बार चुनाव में अपनी जीत दर्ज कराता है जी हां हम बात कर रहे है सागर जिले की रहली विधानसभा सीट की जहा से लगातार 8 बार से भाजपा के प्रत्याशी रहे पूर्व मंत्री गोपाल नौवीं बार चुनाव मैदान में है और घर पर बैठे हुए है, नामांकन जमा करने के समय सभा को संबोधित किया था उसके बाद से स्वयं के प्रचार के लिय घर से नही निकले,स्टार प्रचारक होने के नाते पार्टी द्वारा बताए गए विधानसभाओं में जरूर गए है लेकिन स्वयं के प्रचार को नहीं निकले,उल्टा क्षेत्र के लोग उनके निवास पर गणनायक पर जरूर लगातार पहुंच रहे है,उनसे मिलने वालो का सिलसिला सुबह से शुरू हो जाता है, क्षेत्र के गांव गांव,नगर से हजारों की संख्या में लोग पहुंचे है, उन्हे अपना समर्थन देकर निश्चिंत कर रहे है।वैसे तो हमेशा ही जननायक में लोगो का आना जाना रहता है पर इस बार आचार संहिता के बाद से लोगो के जत्था के जत्था पहुंच रहे है गोपाल भार्गव सभी से सामूहिक मुलाकात करते है लोग अपनी बात कहते है और चले जाते है,चुनावी समय में भार्गव की यही दिनचर्या बन गई है पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव ने बताया की लगातार 40 वर्षो से क्षेत्र के लोगो की सेवा कर रहा हु,लोगो के सुख दुख का साथी रहता हु,हजारों लोगो के गंभीर बीमारी, लीवर, किडनी, हार्ट,महिलाओं संबंधी रोगों के आप्रेशन करा चुका हूं, करीब 21 हजार से अधिक कन्याओ का धर्म पिता हु,उनके परिवार का रिश्तेदार हु, क्षेत्र में किए गए विकास कार्य ही मेरे प्रचारक है,और यही कारण है की चुनाव के समय मेरे क्षेत्र के लोग मुझे घर से निकलने नही देते,2013 के चुनाव में 51 हजार के करीब वोटों से जीत हासिल की थी और अब तो यह आदत सी हो गई है।
मंत्री नही मुख्यमंत्री के लगे रहे नारे–
भार्गव के बंगले पर आनेवाले लोग उन्हे इस बार मंत्री नही मुख्यमंत्री बनना चाहते है और ऐसे नारे केवल उनके निवास पर आने वाले लोग नही बल्कि पूरे विधानसभा क्षेत्र में लगाए जा रहे है।इस बार जो बैनर पोस्टर,दीवाल लेखन हुआ है उसमे भी भार्गव के लिय मुख्यमंत्री पद की दरकार है।दरअसल गोपाल भार्गव मध्यप्रदेश में सबसे वरिष्ठ नेता है और लगातार आठ बार से चुनाव जीतते आ रहे है, यहा तक की कांग्रेस में भी उनसे अधिक अनुभवी नेता प्रदेश में नही है,पिछली बार कांग्रेस की सरकार में वे नेता प्रतिपक्ष रहे है,वर्तमान भाजपा सरकार में उन्हे सर्व श्रेष्ठ नेता का पुरुस्कार मिला था, जनता के अलावा पार्टी और संगठन में भी अपनी मजबूत पकड़ के चलते इस बार उनके मुख्यमंत्री बनने की संभावनाएं बन रही है।भार्गव की कार्य शैली और चुनावी अनुभव अन्य नेताओं के लिय प्रेरणादायक है।।

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