धर्म विरोधियों को ठीक करने ही लगता है दिव्‍य दरवार

धर्म विरोधियों को ठीक करने ही लगता है दिव्‍य दरवार

बागेश्‍वर धाम के पं शास्‍त्री जी इन दिनों भोपाल में
भोपाल। राजधानी भोपाल के करोंद में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की कथा का गुरुवार को दूसरा दिन थ । आने वाले भक्‍तों को देखते हुए कथा से पहले दिव्य दरबार शुरू हो गया है। उन्होंने कहा, कलियुग में धर्म विरोधियों के मुंह पर झन्नाटेदार तमाचा मारने के लिए ही बागेश्वर बालाजी का दरबार लगता है। यही कलियुग में हनुमान जी के चरणों का प्रताप है। जो कहते थे दिव्य शक्तिया नहीं होती हैं ये सब कपोल कल्पना है, उनकी ठठरी बंध गई।महाराज श्री ने कहा, उन्होंने कहा, मैं भी इंसान हूं। आपकी तरह साधारण इंसान हूं। कुछ नहीं कर सकता पर्चे से चमत्कार नहीं होता। जो होता है वो भगवान बालाजी की कृपा से चमत्कार होता है। बालाजी महाराज बड़े कृपालु हैं, जो भी नियम का पालन करेगा। उनकी मन की कामना पूरी होगी। अंधविश्वास पर भरोसा नहीं करें। जो देखा-पूछा और जो पर्चे पर लिखा है उसे ही सत्य मानें। जिनकी अर्जी लगे उन्हें मांस, मदिरा, लहसुन और प्याज का त्याग करना होगा। एक दो महीने में पेशी के लिए बागेश्वर धाम आना होगा।
हनुमानजी पर सब कुछ छोड़ दो
पं शास्‍त्री ने कहा कि या तो आज से ही मंदिर जाना छोड़ दो या फिर आज से अभी से बागेश्वर हनुमानजी पर सब कुछ छोड़ दो। इसकी तीन शर्ते हैं। पहली ये की आज से हमारे चक्कर में नहीं पड़ना। दूसरी शर्त- मांस मदिरा छोड़कर महीने में एक बार बागेश्वर धाम की पेशी शुरू कर दो। तीसरी शर्त ये है कि घर पर ही ऊं बागेश्वर नम: का जाप शुरू कर देना। इसके बाद किसी पर्चे की जरूरत नहीं है। अगर जीवन में संकट आएंगे तो बालाजी आपके सामने आकर खड़े हो जाएंगे।

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