मानहानि मामले में राहुल गांधी को सुल्तानपुर कोर्ट ने किया तलब

 

सुल्तानपुर। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि मामले में सोमवार को सुल्तानपुर की एमएलए/एमपी कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने 16 दिसंबर को राहुल गांधी को पेश होने का आदेश दिया है।

राहुल के खिलाफ यह मामला 5 साल पहले गुजरात में अमित शाह के खिलाफ की गई कथित अपमानजनक टिप्पणी से जुड़ा है। केस 4 अगस्त, 2018 को दायर हुआ था। इसे तब के सुल्तानपुर में भाजपा के जिला उपाध्यक्ष विजय मिश्र ने दायर किया था। मजिस्ट्रेट योगेश कुमार यादव की कोर्ट ने 18 नवंबर को सुनवाई पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।

इस मामले में वादी यानी विजय मिश्र के वकील संतोष पांडेय ने दैनिक भास्कर से बात की। उन्होंने बताया, 8 मई 2018 को बेंगलुरु में कर्नाटक चुनाव के दौरान राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। इसमें उन्होंने कहा था, भाजपा जो कि ईमानदारी व स्वच्छता की राजनीति का दावा करती है। उसका राष्ट्रीय अध्यक्ष एक हत्या का आरोपी है।

इस मामले में याचिकाकर्ता विजय मिश्र ने कहा कि राहुल के बयान से उनकी भावनाएं आहत हुईं। क्योंकि, वे खुद भाजपा से जुड़े हुए थे। उनकी भी समाज में मानहानि हुई है। इसलिए, उन्होंने कोर्ट में इस मामले को लेकर केस दायर किया था। इसमें विजय मिश्र ने रामचंद्र और अनिल मिश्र को बतौर गवाह पेश किया था। विजय मिश्र ने सबूत के तौर पर यूट्यूब और अन्य वेबसाइट्स पर चले राहुल के बयान को पेश किया था। उन्होंने वकील के माध्यम से कोर्ट में कहा था कि गवाहों के बयान और अन्य सबूत से राहुल को आरोपी के रूप में तलब करने के पर्याप्त सबूत हैं।

राहुल गांधी मामले में धारा 499 और 500 में केस है। धारा 499 के मुताबिक, किसी के बारे में झूठी अफवाहें फैलाना, टिप्पणी करना, उसकी मानहानि करना। वहीं, धारा 500 में मानहानि के लिए दंड का प्रावधान है। इस मामले में दो साल तक की जेल हो सकती है।

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