अचानक से बढ़े मरीज, 150 के पार के पहुंचा आंकड़ा
अचानक से बढ़े मरीज, 150 के पार के पहुंचा आंकड़ा
वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. नवीन कुमार ने बताया कि करीब 300 मरीज ओपीडी में देखे गए हैं। इनमें करीब 20 मरीज उल्टी दस्त से पीड़ित मिले हैं बताया कि गर्मी बढ़ने पर उल्टी दस्त के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। धूप में बाहर निकलने से शरीर में पानी की कमी हो रही है। जिसके चलते अस्पताल में भी ज्यादातर मरीज डिहाइड्रेशन के आ रहे हैं।
गर्मी की वजह से लोग बेहाल है। जरा-सी लापरवाही से लोगों की सेहत बिगड़ जा रही है। निजी से लेकर सरकारी अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ गई है। वहीं, सरकारी अस्पताल में ही अब तक अप्रैल से लेकर डायरिया के मरीजों का आंकड़ा 150 के पार पहुंच गया है। सोमवार को भी डायरिया से पीड़ित करीब 50 मरीज पहुंचे। इसमें से दो बच्चे समेत चार को भर्ती किया गया।
जिले में इस समय अधिकतम तापमान 40.2 डिग्री सेल्सियस के आसपास चल रहा है, जिसके चलते गर्मी में बाहर निकलना मुश्किल हो रहा है। गर्मी की वजह से बड़ों और बच्चों को उल्टी, दस्त और बुखार की समस्या हो रही है। मरीजों की संख्या रोजाना बढ़ रही है। साेमवार को 2470 मरीजों ने ओपीडी में जांच कराई। जैसे-जैसे गर्मी के तेवर बदल रहे हैं, वैसे ही उल्टी और दस्त के मरीजों की संख्या बढ़ रही है।
बाल रोग कक्ष में सुबह से ही बच्चों को लेकर तीमारदारों की लाइन लगी गई। कुल 300 बच्चों की जांच की गई। बाल रोग विशेषज्ञ ने बताया कि इसमें 30 डायरिया से पीड़ित मिले। इसमें दो बच्चों को गंभीर स्थिति के चलते भर्ती किया गया। वहीं, मेडिसिन कक्ष में 320 मरीजों ने इलाज कराने पहुंचे. वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. नवीन कुमार ने बताया कि करीब 300 मरीज ओपीडी में देखे गए हैं। इनमें करीब 20 मरीज उल्टी दस्त से पीड़ित मिले हैं। बताया कि गर्मी बढ़ने पर उल्टी दस्त के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। धूप में बाहर निकलने से शरीर में पानी की कमी हो रही है।
जिसके चलते अस्पताल में भी ज्यादातर मरीज डिहाइड्रेशन के आ रहे हैं। वहीं, चर्म रोग विभाग में 280 लोग पहुंचे. विशेषज्ञ डॉ. नीरज मेहता ने बताया कि धूप में निकलने से सनबर्न, त्वचा में चकत्ते, फंगल इंफेक्शन और घमौरियां के मरीज की संख्या 60 प्रतिशत रही। इसके अलावा ईएनटी में 300, नेत्र रोग कक्ष में 270, गायनी में 350 महिलाएं स्वास्थ्य जांच कराने पहुंची. जिला अस्पताल में तैनात बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. उमेश मेहता ने बताया कि ओपीडी में करीब 300 बच्चों का इलाज किया गया। इनमें 30 बच्चे उल्टी, दस्त व पेट दर्द (डायरिया) से पीड़ित पाए गए हैं। इनमें दो बच्चों को गंभीर हालत में भर्ती किया गया है। इनका इलाज किया जा रहा है। बाकि वायरल, अस्थमा और सर्दी के शामिल थे।
विशेषज्ञों की मानें तो, बचे हुए खाने को फेंकने के डर से लोग फ्रीज में रख देते हैं। अगले दिन गर्म करके फिर से खा लेते हैं, लेकिन ये स्वास्थ्य के लिए नुकसान दायक है। बताया कि आलू, अंडा, चावल आदि को फ्रीज में रखकर दुबारा नहीं खाना चाहिए। ऐसा करने ने पोषक तत्व खत्म हो जाते हैं साथ ही कई तरह के बदलाव आ जाते हैं और यह बदलाव से कई तरह की बीमारियां भी हो सकती है।