21 साल बाद पृथ्वी से टकराया सबसे मजबूत सौर-तूफान, कम्युनिकेशन और GPS पर बड़ा असर
21 साल बाद पृथ्वी से टकराया सबसे मजबूत सौर-तूफान, कम्युनिकेशन और GPS पर बड़ा असर
एक मजबूत सौर तूफान हमारी पृथ्वी से टकराया है इस तूफान को भू-चुंबकीय तूफान के नाम से जाना जाता है इस तूफान का असर नेविगेशन संचार और रेडियो सिग्नलों पर पड़ सकता है इस तूफान का असर पूरे हफ्ते जारी रह सकता है इसी कड़ी में स्टारलिंक सैटेलाइट के ऑनर एलन मस्क ने अपने ऑफिशियल एक्स हैंडल से एक लेटेस्ट पोस्ट जारी किया। इसी कड़ी में स्टारलिंक सैटेलाइट के ऑनर एलन मस्क ने अपने ऑफिशियल एक्स हैंडल से एक लेटेस्ट पोस्ट जारी किया है।
एलन मस्क अपने इस पोस्ट में जियोमैग्नेटिक सौर-तूफान को एक बड़ा तूफान बताते हैं। वे कहते हैं कि यह लंबे समय बाद एक बड़ा तूफान है स्टारलिंक सैटेलाइट बहुत दबाव में है हालांकि, हम अभी भी टिके हुए हैं। मस्क अपने इस पोस्ट में जियोमैग्नेटिक सौर-तूफान का तीन घंटों का डेटा शेयर करते हैं, जो कि 9 मई 2024 को शुरू हुआ था मस्क ने स्पेस वैदर प्रिडिक्शन का चार्ट दिखाया गया है।
यह 11 साल में घटने वाले ऐसा समय है जब सूरज अपने उत्तरी और दक्षिणी ध्रुवों फ्लिप करता है इस दौरान बहुत सी अंतरिक्ष और मौसम से जुड़ी घटनाएं घट सकती हैं इस स्थिति को सोलर मैक्सिमम भी कहा जाता है।
NOAA (National Oceanic and Atmospheric Administration) भू-चुंबकीय तूफानों को G1 से G5 तक के स्केल पर रैंक करता है इस रैंक के साथ कमजोर और सबसे छोटे तूफान से लेकर सबसे बड़े तूफान को दिखाया जाता है जहां G1 को कमजोर और G5 को सबसे बड़ा तूफान माना जाता है। इन तूफान का सीधा असर कम्युनिकेशन सिस्टम, GPS और इलेक्ट्रिसिटी पर पड़ सकता है। G5 तूफान की वजह से कई घंटों तक हाई फ्रीक्वेंसी रेडियो ब्लैक आउट की घटना घट सकती है। इन तूफान का असर पावर सप्लाई में भी देखा जा सकता है।
दरअसल, सूरज की सतह पर कोरोनल मास इजेक्शन यानी विशाल विस्फोट होते है इस विस्फोट के साथ ऊर्जावान कणों की धाराएं अंतरिक्ष में पहुंचती है यही कण जब पृथ्वी तक पहुंचते हैं तो चुंबकीय क्षेत्र में गड़बड़ी पैदा करते हैं इस स्थिति को ही भू-चुंबकीय तूफान कहा जाता है।