(सफलता की कहानी) समूह से जुड़कर बहनें बन रहीं स्वावलंबी

मुरैना 11 दिसम्बर 2023/कैलारस विकासखण्ड की ग्राम पंचायत मालीबाजना के ग्राम माधौपुरा की बहने स्व-सहायता समूह से जुड़कर स्वावलंबी बनने लगी है। प्रति माह 10 से 12 हजार रूपये कमाकर घर-गृहस्थी खर्च में पति का सहयोग कर रहीं है।

ग्राम पंचायत मालीबाजरा के ग्राम माधौपुरा निवासी श्रीमती प्रेमा बघेल बतातीं है, कि मैंने वर्ष 2021 में शीतला आजीविका ग्राम संगठन का समूह का गठन किया था। समूह में श्रीमती सुनीता, श्रीमती सोमवती, श्रीमती रामा, श्रीमती बैजंती, श्रीमती सनेही, श्रीमती मनीषा, श्रीमती मिथलेश, श्रीमती सनेही, श्रीमती बतको, श्रीमती निराशा और श्रीमती अमरो ने सदस्य के रूप में नाम दर्ज कराया। समूह का गठन होने पर मुझे शासन द्वारा सीसीएल के रूप में एक लाख रूपये की राशि प्राप्त हुई, जिस राशि में से समूह के सदस्यों को छोटा-मोटा रोजगार चलाने के लिये बांट दिया गया। मैंने भी परचूने की दुकान खोल ली, कुछ समय बाद मुझे 7 दिन की ट्रेनिंग के लिये भोपाल भेजा गया। प्रशिक्षण प्राप्त करने के उपरांत मुझे प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र कैलारस में केंटीन चलाने की अनुमति प्राप्त हुई। जिसमें मुझे दो लाख 49 हजार रूपये की राशि शासन से प्राप्त हुई। मैंने अन्य दो दीदियों के सहयोग से केंटीन चलाई, जिसमें प्रतिमाह 30 से 35 हजार रूपये की आय होने लगी। हम तीनों दीदियों को 10 से 12 हजार रूपये की आय प्राप्त होने लगी। उस आय से हम अपने पतियों के साथ घर-गृहस्थी में सहयोग करने लगे, बच्चे भी हमारे इंग्लिश मीडियम स्कूल में पढ़ने लग। धीरे-धीरे हमने वांशिग पाउडर बनाने की मशीन खरीद ली, मेरे समूह की सभी दीदियां अपने-अपने घर-गृहस्थी में सहयोग करने लगी है। इससे पहले हम चौका-चूल्हे तक ही सीमित थे, परन्तु अब हम पति के सहयोग करने में मददगार साबित हो रहीं है। यह सब एनआरएलएम से जुड़कर साकार हुआ है।

आर.एन.टुण्डेलकर 

 

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