भारत में हर साल 36 फीसदी बढ़ रहे हैं स्टार्टअप

भारत में हर साल 36 फीसदी बढ़ रहे हैं स्टार्टअप

नई दिल्ली। यूनिकॉर्न स्टार्टअप की संख्या के मामले में भारत अमेरिका और चीन के बाद दुनिया में तीसरे नंबर पर है। भारत में यूनिकॉर्न स्टार्टअप की संख्या इस समय 100 से ज्यादा है। यही नहीं इनमें वृद्धि हो रही है। जब भी किसी स्टार्टअप का वैल्यूएशन एक अरब डॉलर से ज्यादा हो जाता है तो उसे यूनिकॉर्न स्टार्टअप कहा जाता है। स्टार्टअप के लिए भारत दुनियाभर में तीसरा सबसे आर्कषक देश है।

शानदार स्टार्टअप इकोसिस्टम के चलते भारत में हर साल 36 फीसदी की दर से स्टार्टअप बढ़ रहे हैं। महाराष्ट्र सबसे आगे है। 2023 में 36 हजार से ज्यादा स्टार्टअप को मान्यता दी गई। उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) के मुताबिक, 31 अक्तूबर 2023 तक देश में 1,14,902 मान्यता प्राप्त स्टार्टअप हैं। 47 फीसदी स्टार्टअप ऐसे हैं, जहां कम से कम एक महिला निदेशक जरूर हैं।

नवाचार को बढ़ावा देने और देश के स्टार्टअप इकोसिस्टम में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए 16 जनवरी 2016 को स्टार्टअप इंडिया पहल शुरुआत की गई थी। भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम पिछले 6 वर्षों में और मजबूत हुआ है। भारत वैज्ञानिक प्रकाशनों (साइंटिफिक पब्लिकेशन) की गुणवत्ता में शीर्ष पर, नवाचार गुणवत्ता में दूसरे स्थान और यूनिकॉर्न स्टार्टअप की संख्या में तीसरे स्थान पर है।

इसके अलावा सूचना प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य, शिक्षा और कृषि से जुड़े स्टार्टअप भी अच्छा कर रहे हैं। स्टार्टअप्स इंडिया सीड फंडिंग स्कीम (एसआईएसएफएस) के तहत भारत सरकार ने नए स्टार्टअप को आर्थिक प्रोत्साहन देने के लिए 2021-22 से अगले 4 वर्षों के लिए 945 करोड़ मंजूर किए हैं। यूनिकॉर्न स्टार्टअप की संख्या में भारत अमेरिका और चीन के बाद दुनिया में तीसरे स्थान पर है।

भारत में यूनिकॉर्न स्टार्टअप की संख्या इस समय 100 से ज्यादा है। साथ ही इनमें वृद्धि हो रही है। जब भी किसी स्टार्टअप का वैल्यूएशन एक अरब डॉलर (करीब 8,300 करोड़ रुपये) से ज्यादा हो जाता है तो उसे यूनिकॉर्न स्टार्टअप कहा जाता है। उम्मीद जताई गई है कि 2025 तक भारत में यूनिकॉर्न स्टार्टअप की संख्या 150 से ज्यादा होगी। 2030 तक भारतीय स्टार्टअप्स की कुल पूंजी 300 अरब डॉलर से अधिक होने का अनुमान है। वतर्मान में यह तकरीबन 150 अरब डॉलर के आसपास है।

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