कांग्रेस के आश्‍वाशन पर शिव की लाडली बहना पडेगी भारी, चुनावों में इस बार क्‍या साबित होगा गेम चेंजर पर मंथन

कांग्रेस के आश्‍वाशन पर शिव की लाडली बहना पडेगी भारी, चुनावों में इस बार क्‍या साबित होगा गेम चेंजर पर मंथन

भोपाल। प्रदेश में 17 नवंबर को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होना है। दोनो दलों में बेहद चौकसी के साथ तैयारियां और हमले भी जारी हैं लेकिन गौर करने वाली बात यह है कि इस बार के चुनाव में असल मुदा है क्‍या । वो मुदा जो गेम चेंजर होगा।इस मामले में पडताल करने पर देखा जाये तो यह बात सामने आती है कि बीते तीन साल पहले कांग्रेस ने पंद्रह माह की सरकार में ऐसा एक भी काम नहीं हुआ जो प्रदेश के लोगों में नजीर बन जाये। ऐसा क्‍यों । क्‍या नेतृत्‍व सक्षम नहीं था । ऐसा तो नहीं है। एक बात फिर सामने आती है वो यह कि काम के प्रति गंभीरता नही थी। कांग्रेस को जो सत्‍ता मिली थी वो किसानोंके दम पर मिली थी। किसानों के कर्ज को माफ करने का आश्‍वासन इतना जोरदारथा कि लोगों ने कांग्रेस को पसंद किया और उसे सरकार बनाने का अवसर दिया ।सरकार बन जाने पर इस वादे सर्वोपरि मानकर पूरा करना ही पहला धर्म होना चाहिए था। यदि ऐसा नहीं हुआ है तो इसे चूक माननी चाहिए ।

इसी प्रकार देखा जाये तो भाजपा ने सडक , बिजली , पानी को प्रदेश में बेहतर बनाने की दिशा में काम किया और उससे आगे बढकर अब रोजगार , महिलाओं को आर्थिक मजबूती देने की दिशा में आगे कदम बढाया। दरअसल प्रदेश को विकास के रास्‍ते पर आगे बढाने की दिशा में निरंतर प्रयास होते रहने चाहिए । एक बात सच है कि परिवार हो या समाज , इसके विकास की धुरी महिलाओं पर ही आधारित रहती है। विकास में महिला शक्ति का बडा योगदान है।इस मामले में  ऐसा प्रतीत होता है कि भाजपा ने लंबे समय से मंथन किया है और उसे आगे बढा रही है। यह बात किसी दलीय भावनाके आधार पर नहीं केवल प्रदेश के विकास को ध्‍यान में रख्‍कर कही जा रही है। हालांकि प्रदेशका मतदाता काफी जागरूक है वो किसी भी स्थिति को बेहतर ढंग से समझता है।

यह देख्‍ना दिलचस्‍प होगा कि इस चुनाव में शिवराज सरकार की ‘मुख्यमंत्री लाडली बहना’ योजना एक बड़ा निर्णायक कारक बन सकती है।इस योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की बेटियों को जन्म से लेकर 25 वर्ष की आयु तक हर महीने 1250 रुपये की आर्थिक सहायता दी जा रही है। अभी वर्तमान में इस योजना के लाभार्थियों की संख्या लगभग एक करोड़ 31 लाख है।

इसके अलावा, बीजेपी संगठन ने वार्ड स्तर पर 5 से 10 महिलाओं की एक टीम भी बना रखी है, जो घर-घर जाकर लाडली बहना योजना की हितग्राहियों से संपर्क करती हैं। उन्हें बताया जाता है कि जैसे ही एक बार फिर बीजेपी की सरकार बनेगी, बढ़ी हुई राशि उन्हें मिलने लगेगी।

ऐसे में प्रदेश भाजपा का यह अनुमान सही साबित होता है, तो यह योजना मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में ‘गेम चेंजर’ साबित हो सकती है।

लाडली बहना योजना एक अच्छी योजना है, लेकिन इस योजना को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए कुछ बदलाव किए जा सकते हैं।

ऐसे में एक बात तय है कि भाजपा और कांग्रेस दोनों ने अपने बचन पत्र के माध्‍यम से कौन सा दल कितना लुभा पाता है ये तो आने वाला समय ही बतायेगा। उसके पहले जो कुछ भी है केवल कल्‍पना है या पुर्वानुमान है।

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