SHARP लगा सकती है भारत की पहली डिस्प्ले फैब फैसिलिटी, कंपनी को 1000 एकड़ जमीन की तलाश

SHARP लगा सकती है भारत की पहली डिस्प्ले फैब फैसिलिटी, कंपनी को 1000 एकड़ जमीन की तलाश

शार्प यूनिट की स्थापना के लिए देश के कई हिस्सों में 1000 एकड़ से अधिक की जमीन की तलाश भी कर रही है। अभी भारत में डिस्प्ले फैब का निर्माण नहीं किया जाता है और भारत पूरी तरह से डिस्प्ले फैब का आयात करता है। टेलीविजन मोनिटर के साथ ऐसे अन्य उपकरणों में डिस्प्ले फैब का इस्तेमाल किया जाता है।

माइक्रोन के बाद अब सेमीकंडक्टर निर्माण से जुड़ी जापान की बड़ी टेक कंपनी शार्प भारत में निवेश कर सकती है। हाल ही में भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स व आईटी मंत्रालय के अधिकारियों के साथ शार्प के अधिकारियों के बीच इस निवेश को लेकर बैठक हुई है.
शार्प यूनिट की स्थापना के लिए देश के कई हिस्सों में 1000 एकड़ से अधिक की जमीन की तलाश भी कर रही है। मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक शार्प भारत में डिस्प्ले फैब निर्माण की यूनिट लगाने की योजना बना रही है और जापान से बाहर शार्प की यह सबसे बड़ी यूनिट हो सकती है। शार्प भारत में कटिंग एज वाली डिस्प्ले फैब का निर्माण करेगी।

अभी भारत में डिस्प्ले फैब का निर्माण नहीं किया जाता है और भारत पूरी तरह से डिस्प्ले फैब का आयात करता है। टेलीविजन, मोनिटर के साथ ऐसे अन्य उपकरणों में डिस्प्ले फैब का इस्तेमाल किया जाता है। सूत्रों के मुताबिक शार्प भारत में जिस स्तर की यूनिट की स्थापना करना चाहती है, उसे देखते हुए 3-6 अरब डॉलर के निवेश की उम्मीद की जा सकती है। शार्प भारत में डिस्प्ले फैब की सीरीज-10 निर्माण के लिए यूनिट लगाना चाहती है जो डिस्प्ले फैब का सबसे नवीनतम वर्जन है।

सीरीज 10 स्क्रीन का इस्तेमाल मोबाइल फोन का छोड़ अन्य किसी भी उपकरण में किया जा सकेगा। दुनिया में टेलीविजन के बाजार में तेजी से बदलाव हो रहा है और भारत में फ्लैट पैनल डिस्प्ले के साथ बड़े स्क्रीन वाले टेलीविजन की मांग बढ़ र ही है। मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक शार्प के निवेश को सिरे चढ़ने में छह से आठ माह का समय लग सकता है। शार्प भारत की निवेश नीति से प्रभावित होकर यहां यूनिट लगाने की योजना बनाई है। जल्द ही कंपनी सरकार को लिखित निवेश योजना भेजने वाली है। दूसरी तरफ, मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक सरकार सेटेलाइट संचार सेवा में निजी कंपनियों को कारोबार करने की इजाजत फिलहाल नहीं देने जा रही है।

सरकार का मानना है कि सेटेलाइट संचार सेवा से वाह्य व आंतरिक दोनों ही सुरक्षा में क्या-क्या खतरे हो सकते हैं, इसकी पूरी पड़ताल के बाद ही किसी भी कंपनी को इस सेवा में आने की मंजूरी दी जाएगी। एलन मस्क की स्टारलिंक भारत में सेटेलाइट संचार सेवा में आना चाहती है और कंपनी ने इस वास्ते सरकार के पास आवेदन भी किया है।

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