खेत में बलराम तालाब बन जाने से किसानों में बढ रही आत्मनिर्भरता
खेत में बलराम तालाब बन जाने से किसानों में बढ रही आत्मनिर्भरता
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सिंचाई सुविधा बढने से पैदावार के साथ बढी अतिरिक्त आय
भोपाल। मप्र में सबसे ऐतिहासिक कार्य खेती में हुआ है खासकर सिंचाई में हुई अभूतपूर्व बढोत्तरी के रूप में । सबसे अहम बात यह है कि सिंचाई सुविधा में बढोत्तरी से पैदावार भी जमकर बढी है। राज्य सरकार के इन प्रयासों से प्रदेश के किसानों का मनोबल भी बढा है और आय भी बढी है। इस प्रकार के नवाचारी प्रयोंगों के बारे में समाचार पत्र के वरिष्ठ संवाददाता संजय ने अनेक किसानों से बातचीत की और जानने की कोशिश किया कि आखिरकार यह सब कैसे संभव हुआ। राज्य सरकार की किसान कल्याण और कृषि विकास विभाग की योजनांतर्गत राजधानी भोपाल से लगे गांव के रहने वाले मीणा समाज के किसान भैयालाल मारण से चर्चा की । किसान भैयालाल ने बताया कि वे अपने एक हेक्टेयर के रकबे में बलराम तालाब का निर्माण कराया।शासन की योजना का लाभ लेने से हमारे उपर किसी प्रकार का कोई आर्थिक बोझ भी नहीं आया और हमारे खेत में तालाब भी बन गया। खेत में तालाब का बन जाना मेरे लिए चमत्कार से कम नहीं है।
चर्चा के दौरान मारण बताते हैं कि सिंचाई साधन उपलब्ध हो जाने के कारण खरीफ के अतिरिक्त रबी और ग्रीष्म कालीन फसलें गेहूं, चना व सब्जियों की खेती भी होने लगी है जिससे सालाना आय लगभग 50 से 55 हजार रुपए की अतिरिक्त आय हो रही है।
जैसे- जैसे आय बढी मारण का मनोबल भी बढा। इसी का परिणाम हुआ कि धीरे धीरे मारण आर्थिक रूप से आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते गए । भैयालाल ने एक कदम आगे बढकर खेत में बने बलराम तालाब में मछली पालन का काम शुरू कर दिया है।
इस प्रकार देखा जाये तो प्रदेश में राज्य शासन द्वारा विभागीय योजनाओं के लाभ सार्थक हो ही रही है साथ ही कृषि कार्य से जुड़े लोगों को आर्थिक स्वावलम्बी बनने की दिशा में काफी आगे बढ रहे हैं।
कृषि विभाग की योजना का लाभ लेकर किसान भैयालाल ने विभागीय प्रदर्शन के साथ-साथ प्रशिक्षणों के माध्यम से नई तकनीकों को अपनाकर अपने खेती को नया स्वरूप दिया है। वर्ष 2021-22 में मारण ने नई किस्म की बादशाह भोग सुगन्धित धान की खेती एसआरआई पद्धति द्वारा 1.5 एकड़ में किया जिसका परि णाम यह रहा कि उनकी आजीविका और आय में जबरदस्त बढोत्तरी हुई ।
इस प्रकार देखा जाये तो भैयालाल द्वारा कृषि व उद्यानिकी के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। धान, गेहूं एवं सब्जी उनकी आजीविका की उन्नति का मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं। उद्यानिकी के क्षेत्र में भी किसान भैयालाल को जिला स्तरीय कृषक पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। सच कहा जाये तो इस प्रकार की खेती अन्य किसानों के लिए एक प्रकार से माडल खेती बन रही है।
नोट – खेती करते हुए किसान की फोटो, तालाब भी चलेगा। चेहरा साफ ना दिखाएं यह ध्यान रखें। टमाटर की खेती,धान , गेंहूं तथा सब्जी आदि की ख्ेती भी चलेगी।