प्रदेश के 69 नये विधायकों के प्रबोधन कार्यक्रम का दूसरा दिन; आप सत्‍ता में रहें या विपक्ष में ध्‍यान केवल विकास का रखें – राजेंद्र सिंह

प्रदेश के 69 नये विधायकों के प्रबोधन कार्यक्रम का दूसरा दिन; आप सत्‍ता में रहें या विपक्ष में ध्‍यान केवल विकास का रखें – राजेंद्र सिंह

• अध्‍यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि दूसरी बार भी रखें प्रबोधन कार्यक्रम
• कैलाश विजयवर्गीय ने कहा सदन शेरनी के दूध की तरह है

भोपाल। विधानसभा में विधायकों के प्रबोधन कार्यक्रम के दूसरे दिन के पहले सत्र को पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष राजेंद्र कुमार सिंह ने संबोधित करते हुए कहा कि कोई विपक्ष में रहता है तब दूसरी बात करता है। जब वह सत्ता पक्ष में रहता है तब कुछ और बात करता हैं।

लेकिन, हमारा लक्ष्य केवल विकास होना चाहिए। विधायक सदन में कुछ न बोलें तो भी चलेगा लेकिन सदन में उपस्थिति अनिवार्य है।उनका कहना था कि सीएम अर्जुन सिंह कम बोलते थे लेकिन सुनते ज्‍यादा थे।

श्री सिंह ने संसदीय जानकारी देते हुए कहा, बजट पर बोलना सबसे दुष्कर कार्य है। वास्तव में बजट के ज्ञाता वित्त मंत्री होते हैं। प्रमुख सचिव विधानसभा अवधेश प्रताप ने ऐसा विषय दे दिया है जिस पर बोलना चुनौतीपूर्ण है।

उन्‍होंने विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर की प्रशंसा करते हुए कहा कि तोमर का व्यक्तित्व प्रशांत महासागर जैसा गहरा और हिमालय जैसा ऊंचा है। अपनी बात में श्री सिंह ने यह भी जोडा कि सदन के नेता और प्रदेश के सीएम मोहन यादव से बहुत उम्मीद है।

मैंने देखे कई धाकड़ सीएम
प्रबोधन कार्यक्रम में सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश के गठन के बाद कई सरकार आईं। जब मैंने होश संभाला तबसे एक से एक धाकड़ सीएम को देखा। पीसी सेठी और श्यामाचरण का कार्यकाल देखा, अर्जुन सिंह का कार्यकाल देखा। सिंह ने कहा कि सुंदरलाल पटवा का कार्यकाल भी देखा। दिग्विजय सिंह और उमा भारती का कार्यकाल देखा।

देश-विदेश और प्रदेश पर बढा है कर्ज
पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष श्री सिंह ने कहा कि वर्ष 1947 में देश का पहला बजट पास हुआ था जो 197 करोड़ था। 92 करोड़ रक्षा क्षेत्र के लिए निर्धारित था। उस समय देश की परिस्थितियां ही कुछ ऐसी थीं। आज प्रदेश के ऊपर बहुत कर्ज है। आज सबसे बड़ा कर्जदार देश अमरीका है। अमरीका खुद को विकसित राष्ट्र कहता है।

उसके ऊपर कर्ज 34 ट्रिलियन डालर हैं। अमरीका अपने जीडीपी का 122 फीसदी कर्जदार है। जगदीश देवड़ा इस बात को अच्छी तरह समझ रहे होंगे। जापान भी बहुत कर्जदार है। जापान टोटल जीडीपी का 58 फीसदी कर्जदार है। उसके बाद भी यह देश हमसे आगे हैं। चीन के ऊपर भी बहुत कर्ज है लेकिन चीन के आंकड़े सही से सामने नहीं आते हैं। भारत जीडीपी का 57 फीसदी कर्जदार हैं।

स्थगन पर जवाब सरकार देती है
प्रमुख सचिव विधानसभा एपी सिंह ने कहा कि विधायक ध्यानाकर्षण की सूचना सुबह नौ बजे तक दे सकते है। एक दिन में एक स्थगन प्रस्ताव और दो ध्यानाकर्षण लाया जा सकता है। स्थगन प्रस्ताव में शामिल विषय पर सरकार ज़बाब देती है।

अगर विषय महत्वपूर्ण है तो अध्यक्ष उस विषय पर चर्चा कराते है जिसमें पक्ष और विपक्ष के लोग शामिल होते हैं। उन्होंने बताया कि क्षेत्र विशेष से जुड़ी समस्या अल्प सूचना के दायरे में आएगी। अध्यक्ष की सहमति के बाद इसे चर्चा के लिए शामिल किया जाता है। जैसे चंबल क्षेत्र में डाकू की समस्या है तो यह एक क्षेत्र विशेष से जुड़ी समस्या है।

कार्यक्रम में विधानसभा प्रमुख सचिव अवधेश प्रताप सिंह ने अपनी पुस्तक विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर, संसदीय कार्यमंत्री कैलाश विजयवर्गीय, पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष राजेंद्र कुमार सिंह, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सीताशरण शर्मा को भेंट की। यह पुस्तक संसदीय नियमावली पर आधारित है।

दूसरी बार भी प्रबोधन कार्यक्रम रखा जाने पर विचार
विधानसभा के अध्‍यक्ष नरेंद्रसिंह तोमर ने आखिर में कहा कि यह प्रबोधन कार्यक्रम बहुत ही प्रेरक और लाभप्रद रहा । आने वाले समय में नये सदस्‍यों के लिए बहुत प्रेरणा का काम करेगा। श्री तोमर ने कहा कि सभी सदस्‍यों से इस प्रबोधन कार्यक्रम के विषय में जानकारी ली जायेगी। कोशिश होगी कि इस प्रकार का कार्यक्रम दोबारा भी आयोजित किया जाये।

सदन शेरनी के दूध की तरह है
सत्‍तापक्ष के वरिष्‍ठ सदस्‍य कैलाश विजयवर्गीय ने अपने संबोधन में कहा कि सदन शेरनी के दूध की तरह होती है। शेरनी का दूध पीकर बच्‍चा दहाडता है उसी प्रकार सदस्‍य जब सदन में मौजूद रहेंगे और अध्‍ययन करेंगे तो ज्ञान बढेगा और वे प्रदेश की जनता के विकास के लिए अपनी दहाड लगाएंगे।

श्री विजयवर्गीय ने कहा कि इस बार के अध्‍यक्ष्‍ धीर गंभीर और बेहद अनुभवी हैं। उनके पास दो सदनों का अनुभव है। यह संयोग विरले ही होता है।विकास कार्यकराने के तरीके पर भी उन्‍होनें अपने महापौर कार्यकाल का एक अनुभव साझा किया ।

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