संजय तरण पुष्कर अनदेखी का हो रहा शिकार, जर्जर हो रहे उद्यान

बिलासपुर

कुदुदंड स्थित संजय तरण पुष्कर (स्वीमिंग पूल) का उद्यान एक समय शहर के बेहतरीन उद्यानों में से एक था। नरम गददेदार घास, विभिन्न तरह के सुगंधित फूल, कई तरह के विशाल वृक्ष और वाटर फाउंटेन के साथ आकर्षक लाइटिंग इस उद्यान की सुंदरता पर चार-चांद लगाती थी, लेकिन समय के साथ यह उद्यान भी अनदेखी का शिकार होकर रह गया।

फूल के पौधे सूख चुके, कुर्सियां टूट चुकी
लोग यहां सुबह-शाम टहलना पसंद करते थे। लगभग 39 साल तक इसे मेनटेन भी रखा गया। इसके बाद कोरोना काल आने के बाद इस उद्यान का सूध लेना छोड़ दिया गया। हालांकि कोरोना काल को गए दो साल हो चुके हैं, लेकिन इसके बाद से इस उद्यान पर ध्यान देना बंद कर दिया गया। वहीं अब दो साल में इस उद्यान की हालत पूरी तरह से खराब हो चुकी है। फूल के पौधे सूख चुके हैं, तो वाटर फाउंटेन खराब पड़े है। वहीं कुर्सियां टूट चुकी है।

दीवारे बदरंग हो चुकी है। मौजूदा स्थिति में सिर्फ ओपन जिम ही बचा है। इस पर भी जंग लग चुका है। इसके बाद भी आसपास के क्षेत्र में रहने वाले लोग ओपन जिम में कसरत करने के लिए आते हैं। इन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि आसपास झाड़ियां उग आई हैं। इसको लेकर आसपास के रहवासी लगातार शिकायत करते आ रहे हैं और मांग रख रहे हैं कि उद्यान की साफ-सफाई कराई जाए और घास के साथ फूल आदि के पौधे लगाए जाए, लेकिन उनकी कोई नहीं सुन रहा है और उद्यान की हालत बद से बदतर होती जा रही है।

सांप व जहरीले कीड़ों का डर
गार्डन में अनावश्यक रूप से खरपतवार और अनउपयोगी घास उग आए है। जगह-जगह दो से तीन फीट तक झाड़ियां उग गई हैं। ऐसे में सांप के साथ जहरीले कीड़ों का वास इस उद्यान में हो गए हैं। इसकी वजह से भी लोग यहां नहीं आ रहे हैं और जिम्मेदार भी इस ओर जरा भी ध्यान नहीं दे रहे हैं। यही आलम रहा तो आने वाले दिनों में यह उद्यान झाड़ियों के जंगल में परिवर्तित हो जाएगा।

क्या कहते है लोग
लगातार जानकारी देने के बाद भी स्थिति जस की तस नियमित रूप से ओपन जिम ने वाले जीपी पांडेय कहते हैं कि उद्यान की दुर्दशा को लेकर नगर निगम से कई बार शिकायत की जा चुकी है। हर बार कहा जाता है कि जल्द ही उद्यान को संवार लिया जाएगा, लेकिन एक साल से ज्यादा हो चुका है किसी तरह से उद्यान की सूध नहीं ली जा रही है।

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