स्वास्थ्य संस्थाओं में 25 नवंबर को सुरक्षित मातृत्व अभियान
हाई रिस्क गर्भवती महिलाओं की होगी जांच और मानसिक स्वास्थ्य परामर्श
भोपाल: 24 नवंबर 2023
सुरक्षित मातृत्व अभियान के अंतर्गत हाईरिस्क गर्भवती महिलाओं की जांच के लिए 25 नवंबर को स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन शासकीय स्वास्थ्य संस्थाओं में किया जाएगा। जिसमें गर्भावस्था की द्वितीय एवं तृतीय त्रैमास की उच्च जोखिम के लक्षणों वाली गर्भवती महिलाओं की जांच, परामर्श, उपचार, पैथोलॉजी जांच, सोनोग्राफी जांच की जाएगी। साथ ही मानसिक स्वास्थ्य पर भी परामर्श प्रदान किया जाएगा। गर्भवती महिलाओं के लिए मानसिक स्वास्थ्य की आवश्यकता को देखते हुए इन शिविरों में मनोचिकित्सकीय परामर्श सेवा को भी जोड़ा गया है। अभी तक 180 महिलाओं को परामर्श दिया गया है। महिलाओं में समस्या पाए जाने पर उन्हें दवाएं और मनोवैज्ञानिक परामर्श प्रदान किया जा रहा है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भोपाल डॉ. प्रभाकर तिवारी ने बताया कि गर्भवती महिलाओं और प्रसवोत्तर महिलाओं के लिए मानसिक स्वास्थ्य की आवश्यकता को देखते हुए इन शिविरों में परामर्श एवं स्क्रीनिंग की शुरुआत की गई है। मानसिक समस्याओं के लिए गर्भवती महिलाओं एवं उनके परिजनों को लक्षणों की पहचान एवं उसके उपचार के संबंध में परामर्श दिया जा रहा है।
राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत इस पहल का उद्देश्य महिलाओं एवं परिजनों को गर्भावस्था के दौरान शारीरिक के साथ साथ मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना है। गर्भावस्था एवं प्रसव पश्चात महिलाएं डिप्रेशन, चिंता और अन्य मानसिक समस्याओं से ग्रसित हो सकती हैं। शिविरों में जयप्रकाश जिला चिकित्सालय के मनोचिकित्सक डॉ. राजेंद्र बैरागी परामर्श प्रदान करेंगे।
सुरक्षित मातृत्व अभियान के लिए हाईरिस्क गर्भवती महिलाओं का चिन्हांकन स्वास्थ्य विभाग के मैदानी कार्यकर्ता जैसे आशा, ए.एन.एम द्वारा कर उन्हें नजदीकी अस्पताल में जांच एवं उपचार हेतु लाया जाता है। गर्भावस्था के गंभीर खतरों में गंभीर एनीमिया, उच्च रक्तचाप, डायबिटिज़ मेलीटस, रिएक्टिव एचआईवी, सिफलिस, हाइपरथाइरॉइड, टीबी, मलेरिया, पूर्व में ऑपरेशन द्वारा प्रसव इत्यादि लक्षणों वाली गर्भवती महिलाओं को चिह्नांकित किया जाता है। इन महिलाओं को विशेष चिकित्सकीय देखभाल एवं परामर्श की सेवाए प्रदान की जाती है। शिविर में विशेषज्ञीय चिकित्सकीय परामर्श के साथ हीमोग्लोबिन, यूरिन एल्ब्युमिन, शुगर, मलेरिया, टीबी, हेपेटाईटिस, ओरल ग्लूकोज़ टेस्ट, ब्लड ग्रुप, एचआईवी, सिफलिस की जांच की जाती है। चिकित्सकीय परामर्श अनुसार सोनोग्राफी एवं थायराईड की जांच भी की जाती है।