प्रधानमंत्री मोदी ने मिशन “दिव्यास्त्र” के लिए हमारे वैज्ञानिकों को सोशल मीडिया”x” पर बधाई दी,
प्रधानमंत्री मोदी ने मिशन "दिव्यास्त्र" के लिए हमारे वैज्ञानिकों को सोशल मीडिया"x" पर बधाई दी,
मिशन “दिव्यास्त्र”, इस परीक्षण से यह सुनिश्चित होगा कि एक ही मिसाइल विभिन्न स्थानों पर कई युद्ध प्रमुखों को तैनात कर सकती है। आज देश में मिशन दिव्यास्त्र के तहत अग्नि-5 का सफल परीक्षण किया। ये मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल (एमआईआरवी) तकनीक के साथ स्वदेश में विकसित अग्नि -5 मिसाइल का पहला फ्लाइट टेस्ट है। इसकी प्रोजेक्ट director एक महिला हैं और इसमें महिलाओं का अहम योगदान है। मिशन दिव्यास्त्र के परीक्षण के साथ ही भारत उन चुनिंदा देशों के ग्रुप में शामिल हो गया है जिनके पास एमआईआरवी क्षमता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अग्नि-5 मिसाइल के परीक्षण की जानकारी दी। उन्होंने एक्स पर पोस्ट के जरिए मिशन दिव्यास्त्र के लिए DRDO वैज्ञानिकों पर गर्व जताया। पीएम मोदी ने ‘एक्स’ पर इस संबंध में ट्वीट किया। पीएम मोदी ने भारत की स्वदेशी मिसाइल क्षमताओं को आगे बढ़ाने में मिशन दिव्यास्त्र के महत्व पर प्रकाश डालते हुए डीआरडीओ वैज्ञानिकों द्वारा प्रदर्शित तकनीकी कौशल पर गर्व व्यक्त किया। एमआईआरवी तकनीक के साथ अग्नि-5 मिसाइल की सफल परीक्षण उड़ान देश की रक्षा तैयारियों और रणनीतिक क्षमताओं को मजबूत करने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। भारत ने परमाणु क्षमता से लैस अग्नि-5 बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। इसकी मारक क्षमता 5,000 किलोमीटर से अधिक है।
आपको बता दें कि इससे पहले मीडिया में चर्चा हो रही थी कि पीएम मोदी सीएए को लेकर बड़ी घोषणा कर सकते हैं। गौरतलब है कि बीते शनिवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा था, CAA को लागू करने के नियम 2024 लोकसभा चुनाव से पहले जारी कर दिए जाएंगे। लाभार्थियों को भारतीय राष्ट्रीयता देने करने की प्रक्रिया जल्द ही शुरू होगी।’ शाह ने कहा था कि सीएए देश का कानून है। सीएए किसी की नागरिकता छीनने का कानून नहीं है।
CAA क्या है?
नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 (सीएए) एक अधिनियम है जो 11 दिसंबर, 2019 को संसद में पारित किया गया था। इसके जरिए 1955 के नागरिकता अधिनियम में संशोधन किया गया है। जो दिसंबर 2014 से पहले “धार्मिक उत्पीड़न” के कारण पड़ोसी मुस्लिम बहुसंख्यक देशों पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भाग गए थे।