पद्मिनी, मनीषा और मीनाक्षी ने खोले जैकी के राज
पद्मिनी, मनीषा और मीनाक्षी ने खोले जैकी के राज
मुंबई। 1 फरवरी 1957 को मुंबई के तीन बत्ती इलाके की एक चॉल में साधारण गुजराती परिवार में जन्में जयकिशन काकूभाई सराफ उर्फ जैकी श्रॉफ ने अपने अभिनय करियर की शुरुआत देव आनंद की फिल्म स्वामी दादा में एक छोटी सी भूमिका से की। निर्माता-निर्देशक सुभाष घई की फिल्म हीरो से वह रातोंरात स्टार बने। स्टार बनने के बाद भी जैकी श्रॉफ काफी समय तक चॉल में ही रहे।
आज तक उन्होंने अपने ऊपर कभी स्टारडम हावी नहीं होने दिया। जैसी श्रॉफ आज अपना 67वां जन्मदिन मना रहे हैं। निर्माता-निर्देशक सुभाष घई की फिल्म ‘हीरो’ से जैकी श्रॉफ रातों रात स्टार बन गए। सुभाष घई ने एक इंटरव्यू के दौरान खुलासा किया कि जब उनकी पहली बार जैकी श्रॉफ से मुलाकात हुई तो वह डायलॉग नहीं बोल पा रहे थे, एक्टिंग की बात तो बहुत दूर की थी।
सुभाष घई ने कहा, जैकी श्रॉफ जिस तरह से ईमानदारी के साथ पेश आए और मुझे बताया कि डायलॉग बोलना और एक्टिंग करनी नहीं आती है। उनकी इस बात से काफी प्रभावित हुआ। मैंने एक छोटा सा वीडियो कैमरा लिया और मैंने उनसे बात करनी शुरू की। इस तरह उनके भीतर से कैमरे का डर मैंने बाहर निकाला। फिल्म हीरो के जरिए जैकी श्रॉफ और मीनाक्षी शेषाद्रि को शोहरत मिली।
फिल्म हीरो की शूटिंग के दौरान का एक किस्सा साझा मीनाक्षी बताती हैं, फिल्म हीरो की शूटिंग गुलमर्ग में चल रही थी। एक सीन की शूटिंग के दौरान जैकी के लंबे डायलॉग्स थे, जिसकी वजह से बार-बार रीटेक हो रहा था। मुझे आंखों में ग्लिसरीन डालकर रोना था, हर बार ग्लिसरीन डालने से आंखों में जलन हो रही थी। परेशान होकर मैंने जैकी से कहा कि वह इस बार अपना शॉट ओके कर दें।
मेरी यह बात सुनकर जैकी नाराज हो गए, लेकिन शूटिंग पैकअप होने तक हम दोनों के बीच अच्छी दोस्ती हो गई थी। आज तक हम दोनों बहुत अच्छे दोस्त हैं। फिल्म राम लखन की शूटिंग के दौरान का एक किस्सा साझा करते हुए माधुरी दीक्षित कहती हैं, इस फिल्म की शूटिंग के दौरान मैं जैकी श्रॉफ की आखों में नहीं देख सकती थी।’
इस फिल्म में माधुरी दीक्षित ने अनिल कपूर के अपोजिट काम किया था। इस फिल्म में जैकी श्रॉफ, अनिल कपूर के बड़े भाई की भूमिका में थे। माधुरी दीक्षित कहती हैं, फिल्म राम लखन के गाने हे राम जी की शूटिंग के दौरान मैं जैकी से नजरें नहीं मिला पाती थी। जब भी मैं उनकी तरफ देखती थी, तो शरमा जाती थी।