कोई भी स्पीकर नहीं चाहता कि सदन के सदस्य निलंबित किए जाएं; राजधानी भोपाल में दो दिवसीय प्रबोधन कार्यक्रम , पहला दिवस संपन्न
कोई भी स्पीकर नहीं चाहता कि सदन के सदस्य निलंबित किए जाएं; राजधानी भोपाल में दो दिवसीय प्रबोधन कार्यक्रम , पहला दिवस संपन्न
भोपाल । देश की सबसे बडी पंचायत लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला ने बडे साफतौर पर कहा है िक ‘कोई भी स्पीकर नहीं चाहता कि उसकी अध्यक्षता वाले सदन के सदस्यों को निलंबन का सामना करना पडें। लेकिन संसद की भी कुछ मर्यादा होती हैं, सदस्यों को इसका ध्यान रखना चाहिए।’
बिरला ने यह बात विधानसभा में विधायकों के प्रबोधन कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद मीडिया से चर्चा में कही। उन्होंने संसद की सुरक्षा पर कहा कि इसको लेकर लोकसभा में चर्चा की जाएगी। विधानमंडल के गठन को लेकर किए गए सवाल के जवाब में बोले कि यह राज्य के अधिकार क्षेत्र का मामला है।
बेहतर कानून के पक्ष में विपक्ष को भी सहयोग करना चाहिए –
विधानसभा में प्रदेश के नव निर्वाचित विधायकों के लिए आयोजित प्रशिक्षण ‘प्रबोधन कार्यक्रम’ के पहले सत्र को श्री बिरला ने प्रभावी ढंग से संबोधित किया । उन्होंने यह भी कहा कि , ‘मेरा मानना है कि कानून सही है तो प्रतिपक्ष को सहयोग करना चाहिए। अगर सही नहीं है तो चर्चा करनी चाहिए। कानून बनाते समय तर्कों से चर्चा करें तो कानून बेहतर बनेगा।’ प्रबोधन कार्यक्रम विधानसभा के मानसरोवर सभागार में दो दिन चलना है।
नवागत विधायकों को ज्यादा मौका मिले
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा, ‘विधानसभा में सत्रों की संख्या नहीं घटनी चाहिए। पहली बार के विधायकों को सदन में ज्यादा बोलने का मौका मिलना चाहिए। श्रेष्ठ विधायक वही बन सकता है, जो पूरे समय सदन में रहे। अगर आपको सिर्फ विधायक बनना है तो आकर चले जाएं और प्रदेश का नेता बनना है तो पूरे समय सदन में रहें।’
जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरें
ओम बिरला ने कहा, ’16वीं विधानसभा में 69 सदस्य पहली बार चुनकर आए हैं, उनको सीनियर विधायकों के अनुभवों का लाभ मिलना चाहिए। हमारा प्रयास होना चाहिए कि जितना अनुभव प्राप्त करें, उसका लाभ विधानसभा के माध्यम से जनता को मिले। जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरें। सदन में अच्छी चर्चा-बहस होगी तो अच्छा परिणाम आएगा।
प्रश्नकाल में विधायक तैयारी के साथ सवाल पूछेंगे तो मंत्री को भी तैयारी से आना पड़ेगा।’ उन्होंने कहा, ‘लोकतंत्र हमारे विचारों के साथ कार्यप्रणाली में भी है। हमारे आजादी के आंदोलन ने दुनिया को प्रेरणा दी। भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। यहां जनादेश पर सत्ता का हस्तांतरण होता है।
सदस्यों को अपनी बात शालीन तरीके से रखनी चाहिए- तोमर
विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि ओम बिरला को लोकतंत्र की जड़ों को मजबूती देने के लिए नए-नए आयाम स्थापित करने का गौरव हासिल है। हमारे प्रशिक्षक उपयुक्त हों, इसके लिए लोकसभा सचिवालय ने पूरा सहयोग दिया है। वहां के विशेषज्ञ अलग-अलग विषयों पर प्रशिक्षण देंगे।
अच्छा जनप्रतिनिधि बनने के साथ ही अच्छा विधायक बनना हम सबके लिए जरूरी है। उनका कहना था कि आज कल ये प्रचलन हो गया है कि चिल्लाकर बोलेंगे तो ज्यादा लोग सुनेंगे, लेकिन सदन में सदस्यों को शालीन तरीके से बात रखनी चाहिए। यदि विषय नाराजगी का है तो भी सदस्य को गुस्सा नहीं आना चाहिए।
तोमर ने कहा कि पार्षद, विधायक बनने के लिए किसी अलग योग्यता की जरूरत नहीं, लेकिन अगर हम उत्कृष्ट जनप्रतिनिधि बनाना चाहते हैं तो प्रशिक्षण की जरूरत होती है। सरकारी व्यवस्था में सबसे छोटा कर्मचारी चपरासी और सबसे बड़ा अफसर आईएएस होता है। व्यक्ति प्यून है और ट्रेंड नहीं तो वह पानी भी नहीं पिला सकता। आईएएस अफसर भी साल-दो साल में रिफ्रेशमेंट ट्रेनिंग के लिए जाता है।
नई विद्या और आधुनिक संसाधनों के साथ आगे बढ़ें- डा यादव
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रबोधन के बाद प्रशिक्षण शिविर शुरू करें। यह प्रशिक्षण 1985 के बाद से बाकी है। सीएम ने कहा, ‘जिस पल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के दरवाजे पर मस्तक रखकर लोकतंत्र के पावन मंदिर को प्रणाम किया, वह हमारे जीवन में हमेशा अनुकरणीय रहेगा।’