म्यांमार के विद्रोहियों ने मिजोरम बॉर्डर पर किया कब्जा, लिखा- वेलकम टू चिनलैंड

आइजॉल। म्यांमार से घुसपैठ के बीच मिजोरम में खतरा बढ़ रहा है। म्यांमार में सेना से लोकतंत्र समर्थक लड़ाई लड़ने वाली चिन डिफेंस जॉइंट फोर्सेज की चिनलैंड काउंसिल ने भारत-म्यांमार बार्डर पॉइंट के तिआउ-खाव्मावी गेट पर कब्जा कर लिया है।
संगठन ने वेलकम टू चिनलैंड का बोर्ड लगाकर चिनलैंड का झंडा फहरा दिया है। साथ ही रिखाव्दर टाउनशिप में नागरिक प्रशासन बना दिया गया है। उसने मिजोरम के इस इलाके में प्रवेश करने वाले हजारों म्यांमारी नागरिकों में से 800 को सुरक्षित स्वदेश वापसी की हरी झंडी दे दी है।
इससे पहले, मिजोरम के रिखाव्दर और जोखाव्थार इलाके में भागकर आए 19 हजार म्यांमरियों को वतन वापसी से मना किया था। चम्फाई जिले के जोखाव्थार गांव की विलेज काउंसिल के अध्यक्ष लल्मुआन्पुइआ के मुताबिक पिछले सप्ताह म्यांमार के खाव्मावी गांव लौटे कई नागरिक लगातार हो रहे हवाई हमलों से बचने के लिए अपनी रातें भारतीय सीमा में उनके गांवों में बिताते हैं।
भारतीय सीमा पर चौकसी बढ़ाई गई
भारतीय अधिकारियों ने कहा है कि जो कुछ भी हुआ है, म्यांमार की सीमा में हुआ है। भारतीय इलाके में स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। सीमा पर असम रायफल्स की चौकसी और बढ़ा दी गई है। मिजोरम के जोखाव्थार गांव की आबादी तीन हजार से कुछ कम है। इस अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर मिजोरम से म्यांमार या म्यांमार से मिजोरम जाने-आने के लिए वीसा की जरूरत नहीं। 16 किमी के दायरे में आवागमन फ्री है।
उल्लेखनीय है कि भारत के पड़ोसी देश म्यांमार में सेना और विद्रोही गुट पीपुल्स डिफेंस फोर्सेस के बीच 12 नवंबर से लड़ाई हो रही है। 14 नवंबर को म्यांमार सेना ने भारत सीमा से सटे इलाकों खावमावी और रिहखावदार गांवों पर एयर स्ट्राइक की।