रणनीति : बिहार जायेंगे मोहन यादव , जाति साधने में मिलेगी सहायता; 18 जनवरी को रखा गया है अभिनंदन समारोह ,

रणनीति : बिहार जायेंगे मोहन यादव , जाति साधने में मिलेगी सहायता; 18 जनवरी को रखा गया है अभिनंदन समारोह ,

भाजपा। भाजपा ने एक सोची समझी रणनीति के तहत मप्र के सीएम के लिए मोहन यादव का नाम आगे बढाया तो कोई समझ नहीं पाया था। लोग जब तक सोचते तब तक मोहन यादव सीएम की शपथ भी ले चुके थे। दरअसल आने वाले समय की चुनौती को साधने के लिए भाजपा ने मोहन यादव का नाम आगे बढाया ताकि उप्र और विहार में जाति आधारित समीकरण को साधा जा सके।

यही कारण है कि सीएम डॉ. मोहन 18 जनवरी को बिहार की यात्रा पर जा रहे हैं। बता दें कि पटना में उनका अभिनंदन समारोह रखा गया है। गौर करने वाली बात यह है कि बिहार की आबादी में 14 प्रतिशत यादव हैं। यदुवंशियों को बीजेपी के पाले में लाने की कोशिश में डॉ. मोहन यादव ही मुख्य चेहरा होंगे।

राजनीति का आलम यह है कि बिहार में काफी लंबे समय से लालू यादव और उनके परिवार का कब्‍जा है। मौजूदा हालातों पर नजर डालें तो आरजेडी, जदयू, कांग्रेस के गठबंधन वाली सरकार है।

बीजेपी लोकसभा चुनाव के लिए बिहार में एमपी के सीएम डॉ. मोहन को मोर्चे पर तैनात कर चुकी है जिसकी औपचारिक लांचिंग बाकी है। राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के वोट बैंक में सेंधमारी के लिए डॉ. मोहन को बिहार से बुलावा भेजा गया है।

ऐसा होगा कार्यक्रम –
मिली जानकारी के अनुसार संभावित कार्यक्रम इस प्रकार का होगा कि एयरपोर्ट पर डॉ. मोहन का जोरदार स्वागत किया जाएगा। इसके बाद वे सीधे श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल जाएंगे। यहां श्रीकृष्ण चेतना मंच द्वारा आयोजित अभिनंदन कार्यक्रम में उनको सम्मानित किया जाएगा। इस कार्यक्रम में बिहार के यादव समाज के बड़े नेता और पदाधिकारी भी मौजूद रहेंगे।

प्रदेश भाजपा कार्यालय में कार्यकर्ताओं के साथ करेंगे चर्चा
अभिनंदन समारोह के बाद डॉ. मोहन पटना के वीरचंद्र पटेल पथ स्थित प्रदेश भाजपा कार्यालय जाएंगे। वहां बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी सहित तमाम बीजेपी नेता और कार्यकर्ताओं से मुलाकात करेंगे। जिसके बाद सीएम डॉ. मोहन इस्कॉन मंदिर जाएंगे। वहां भगवान कृष्ण का दर्शन कर आशीर्वाद लेंगे।

बिहार में हैं 14% यादव समाज के लोग
आंकडो के लिहाज से बात करें तो बिहार की नीतीश सरकार द्वारा कराई गई जातिगत जनगणना के आंकडे़ पिछले साल जारी किए गए थे। जातिगत जनगणना की रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में अत्यंत पिछड़ा वर्ग 36%, अन्य पिछड़ा वर्ग 27% हैं। सबसे ज्यादा 14.26% यादव हैं।

ब्राह्मण 3.65%, राजपूत (ठाकुर) 3.45% हैं। सबसे कम संख्या 0.60% कायस्थों की है। बिहार की जनसंख्या 13 करोड़ 7 लाख 25 हजार 310 है। इसमें 2 करोड़ 83 लाख 44 हजार 160 परिवार हैं। अनुसूचित जाति 19.65%, अनुसूचित जनजाति 1.68% और सामान्य वर्ग 15.52% है।

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