रानी दुर्गावती की जमीन पर मोदी –
रानी दुर्गावती की जमीन पर मोदी –

महाकौशल की 38 सीटों पर पडेंगा सीधे प्रभाव
भोपाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर आज मध्यप्रदेश के दौरे पर आ रहे हैं। वे जबलपुर में रानी दुर्गावती के नाम से बन रहे स्मारक का भूमिपूजन करेंगे। यह स्मारक 100 करोड़ रुपए की लागत से बनेगा। मदन महल किले के पास रानी दुर्गावती की 51 फीट ऊंची प्रतिमा भी लगाई जाएगी।
चुनाव से ठीक पहले प्रधानमंत्री का यह दौरा और रानी दुर्गावती के स्मारक का भूमिपूजन संयोग नहीं है। इसके पीछे महाकौशल की 38 विधानसभा सीटों को साधकर चुनाव में जीत की राह आसान करने की रणनीति है। भाजपा नेतृत्व इसके जरिए विंध्य क्षेत्र की गोंड आबादी को भी भावनात्मक रूप से साधे रखना चाहता है।
कुल आबादी में 21 प्रतिशत की भागीदारी आदिवासी समाज की –
आबादी के मान से देखा जाये तो मध्यप्रदेश की कुल आबादी में आदिवासी समाज की हिस्सेदारी 21.10% है। विधानसभा की 230 में से उनके लिए 47 सीटें रिजर्व रखी गई हैं। इन सीटों पर केवल आदिवासी समाज का उम्मीदवार ही चुनाव लडता है। 2013 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने इन 47 सीटों में से 37 पर कब्जा किया था, लेकिन 2018 के चुनाव में भाजपा के हाथ केवल 16 सीटें आईं। कांग्रेस ने 31 सीटों पर कब्जा किया था। ये सीटें भाजपा को सत्ता से बाहर करने में महत्वपूर्ण साबित हुईं।
डेढ़ साल बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके विधायकों के भाजपा में शामिल होने से पार्टी की दोबारा सरकार बनी थी। भले ही भाजपा को सत्ता वापस मिल गई हो, लेकिन आदिवासी समाज की नाराजगी ने उसके रणनीतिकारों को अचरज में डाल दिया था। ऐसे में भाजपा संगठन ने आदिवासी समाज पर फोकस किया। इसके तहत भोपाल में गोंड रानी कमलापति को मुख्यधारा में लाने की कोशिश हुई। भाजपा प्रदेश मुख्यालय के पास स्थित हबीबगंज स्टेशन को आधुनिक बनाने के साथ उसका नामकरण रानी कमलापति के नाम पर किया गया।