भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच मामला गर्माया, CAA पर विवाद घना..
भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच मामला गर्माया, CAA पर विवाद घना..
लोकसभा चुनाव आने वाले हैं, और दो बड़ी राजनीतिक पार्टी आपस में विवादों में घिरी हैं। भाजपा की तरफ से केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बीच CAA कानून लागू होने के विवाद छिड़ गया है। दोनों तरफ की रणनीति अपनी अपनी प्लानिंग के सहारे वोटर को हक में लामबंद करने की रही। भाजपा ने कानून को हिंदू शरणार्थियों के साथ बंटवारे के दौरान पाकिस्तान से भारत आए लोगों की पीड़ा से जोड़ा, जबकि आप ने इससे दिल्लीवालों की माताओं-बहनों की सुरक्षा के साथ रोजगार व नागरिक सुविधाओं पर पड़ने वाले दबाव की बात कही।
क्या है पूरा मामला?
11 मार्च को केंद्र द्वारा CAA कानून लागू किया गया। इस कानून के अंतर्गत गैर मुस्लिम प्रवासी समुदाय के लोग भारत की नागरिकता पाने के लिए आवेदन कर सकेंगे। केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा इसके लिए पूरी तैयारी कर ली है। इस कानून के लागू होने के बाद केंद्र पर विपक्ष के सभी नेताओं ने हमला किया, वहीं केजरीवाल ने इस पर सवाल उठाए केजरीवाल के तीखे सवाल गृहमंत्री दें जवाब,
पाकिस्तान-अफगानिस्तान-बांग्लादेश के लोगों को घर, रोजगार और संसाधन क्यों देना चाहती है केंद्र सरकार, जबकि सारी सरकारें मिलकर देश के युवाओं को रोजगार देने में असमर्थ हैं। फिर पाकिस्तान, बांग्लादेश-अफगानिस्तान के लोगों के लिए घर और रोजगार कहां से लाएंगे।
वहीं गृहमंत्री ने कहा कि केजरीवाल बांग्लादेशी घुसपैठियों, रोहिंग्या के खिलाफ क्यों नहीं बोलते। वे सिर्फ वोट बैंक की राजनीति करते हैं। जवाब में केजरीवाल ने कहा कि गृहमंत्री उनका मुद्दा छोड़े, उनका विषय बेरोजगार युवा हैं, देश की माताओं-बहनों की सुरक्षा है व नागरिक सुविधाओं पर पड़ने वाले दबाव से हैं। दोनों बड़े नेताओं ने एक दूसरे पर एक के बाद एक आरोप लगाए, सोचने का विषय यह हैं कि क्या इसका असर आने वाले लोकसभा चुनाव में देखने को मिलेगा?